मंडी। अंतर्राष्ट्रिय महिला दिवस पर विभिन्न महिला संगठनों ने महिला आरक्षण बिल को संसद में पास करने की मांग की है। इस बिल को लागू करवाने के लिए महिलाओं ने सभी नारी संगठनों से आंदोलन के लिए आहवान किया है। वीरवार को यहां के आर्यन बैंग्लो होटल में वीर नारी संगठन, हिमालय विकलांग संघ और इंडियन पीपल थियेटर एसोसिएशन ने अंतर्राष्ट्रिय महिला दिवस उत्साह से मनाया। इस अवसर पर मंडी की प्रसिध कवियित्री रूपेश्वरी शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में महिला सशक्तिकरण को लेकर चर्चा की गई। बैठक में वक्ताओं का कहना था कि हालांकि संविधान में पुरूष और महिला को बराबरी का दर्जा दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी महिलाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। महिलाओं का कहना था कि पुरूषों से शौच करने के पैसे नहीं लिए जाते जबकि महिलाओं से शौच के भी पैसे लिए जाते हैं। इसके अलावा महिलाओं के शौचालय पुरूषों के मुकाबले काफी कम हैं। महिलाओं के लिए कार्यालयों में अलग काउंटर नहीं लगाया जाता जिससे उन्हे समस्या होती है। बसों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं रखी जाती। महिलाओं के हर जिला में चलने वाले नारी निकेतनों को बंद कर दिया गया है। वीर नारी संगठन की पदाधिकारी आशा ठाकुर का कहना था कि महिलाएं अपने कर्तव्यों को भली भांती जानती हैं लेकिन अपने अधिकारों के प्रति अनभिज्ञ हैं। जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव समीर कश्यप ने महिलाओं से जुडे कानूनों घरेलू हिंसा अधिनियम आदी की जानकारी दी। उन्होने बताया कि महिलाओं को विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मुफ्त कानूनी सहायता करवाई जाती है। इप्टा के प्रदेश संयोजक लवण ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जहां पुरूषों की साक्षरता दर 91 फीसदी है वहीं महिलाओं की दर मात्र 76 फीसदी है। उन्होने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण की जरूरी है। हिमालय विकलांग संघ की जिला अध्यक्ष हेमलता ठाकुर ने अक्षम महिलाओं की मुश्किलों के बारे में चर्चा की । वहीं सेवानिवृत शिक्षिका चंपा शर्मा का कहना था कि महिलाओं को असुरक्षा की भावना का त्याग करके समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए। बैठक में सबला नाम से संगठन बनाने का निर्णय लिया गया। इस संगठन का संयोजक मंडी की समाजसेवी अन्नू मेहरा को बनाया गया। यह संगठन महिला आरक्षण सहित सशक्तिकरण के अन्य मुद्दों पर कार्य करेगा। इस अवसर पर इप्टा के लोक गायक भूपेन्द्र सिंह ने होली के पारंपरिक मंडयाली गीतों से सभी का मन मोह लिया।
No comments:
Post a Comment