जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह के न्यायलय ने जिला कांगडा की पालमपुर तहसील के गवाल टिककर गांव निवासी राजकुमार भरमौरिया पुत्र रानू राम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 394 के तहत कार छीनकर ले जाने का अभियोग साबित होने पर उक्त सजा सुनाई। हालांकि दो अन्य आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उन्हे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 10 नवंबर 2006 के शिकायतकर्ता देविन्द्र कुमार ने सदर थाना में पहुंच कर रपट दर्ज करवाई कि वह मनाली में टैक्सी ड्राईवर का काम करता है। रात करीब साढे सात बजे तीन लोगों ने धर्मशाला जाने के लिए उनकी टैक्सी ली। जब वह मेहड के पास पहुंचे तो आरोपियों ने शौच करने के बहाने कार रूकवाई। वे जब मेहड से चलने लगे तो दो लोग पिछली सीट पर बैठ गए जबकि एक अन्य कार की फ्रंट शीशे के पास खडा हो गया। इसके बाद पीछे बैठे एक आरोपी ने लोहे की छड से देविन्द्र का गला दबा दिया और कार के बाहर खडे आरोपी ने उसे सिर पर पत्थर मार दिया। जिसके बाद टैक्सी चालक ने सडक से नीचे कूद कर अपनी जान बचाई। जबकि आरोपी उसकी गाडी को छीनकर जोगिन्द्रनगर की ओर चले गए। पुलिस ने मामला दर्ज करके आपराधिक मशीनरी को मामले की तहकीकात में सक्रिय कर दिया। आरोपियों का पता चलने पर पुलिस ने उन्हे हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 14 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों से आरोपी पर अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते उसको उक्त सजा सुनाई गई। हालांकि इस मामले के दो अन्य आरोपियों की पहचान(शिनाख्त) साबित न होने के कारण उन्हे संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।
Friday, 30 March 2012
कार स्नैचिंग के आरोपी को 6 साल कठोर कारावास और 1,00,000 रूपये जुर्माने की सजा
जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह के न्यायलय ने जिला कांगडा की पालमपुर तहसील के गवाल टिककर गांव निवासी राजकुमार भरमौरिया पुत्र रानू राम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 394 के तहत कार छीनकर ले जाने का अभियोग साबित होने पर उक्त सजा सुनाई। हालांकि दो अन्य आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उन्हे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 10 नवंबर 2006 के शिकायतकर्ता देविन्द्र कुमार ने सदर थाना में पहुंच कर रपट दर्ज करवाई कि वह मनाली में टैक्सी ड्राईवर का काम करता है। रात करीब साढे सात बजे तीन लोगों ने धर्मशाला जाने के लिए उनकी टैक्सी ली। जब वह मेहड के पास पहुंचे तो आरोपियों ने शौच करने के बहाने कार रूकवाई। वे जब मेहड से चलने लगे तो दो लोग पिछली सीट पर बैठ गए जबकि एक अन्य कार की फ्रंट शीशे के पास खडा हो गया। इसके बाद पीछे बैठे एक आरोपी ने लोहे की छड से देविन्द्र का गला दबा दिया और कार के बाहर खडे आरोपी ने उसे सिर पर पत्थर मार दिया। जिसके बाद टैक्सी चालक ने सडक से नीचे कूद कर अपनी जान बचाई। जबकि आरोपी उसकी गाडी को छीनकर जोगिन्द्रनगर की ओर चले गए। पुलिस ने मामला दर्ज करके आपराधिक मशीनरी को मामले की तहकीकात में सक्रिय कर दिया। आरोपियों का पता चलने पर पुलिस ने उन्हे हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 14 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों से आरोपी पर अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते उसको उक्त सजा सुनाई गई। हालांकि इस मामले के दो अन्य आरोपियों की पहचान(शिनाख्त) साबित न होने के कारण उन्हे संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच
मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...
-
राहुल सांकृत्यायन की श्रेष्ठ कृति दर्शन-दिग्दर्शन का अध्ययन पूरा हुआ। दर्शन जैसे विषय पर मेरे जीवन में पढ़ी गई शायद यह पहली पुस्तक है। प...
-
मंडी। नेटफलिक्स की टॉप वेब सीरीज अरण्यक में मंडी से संबंध रखने वाले एक्टर कपिल शर्मा ने दमदार और शानदार अभिनय से अपनी छाप छोड़ी है। इस वेब...
-
मंडी। जाति-पाति की जडें समाज को अभी भी कितने गहरे से जकडे हुई हैं इसके प्रमाण अक्सर सामने आते रहते हैं। समाज में गहरी समाई परंपरागत जाति...
No comments:
Post a Comment