मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को चार साल के कठोर कारावास और 40,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला की विशेष अदालत ने जिला मंडी की थुनाग तहसील के जुफलीगार गांव निवासी हंस राज पुत्र रामजी के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार 8 जनवरी 2010 को गोहर पुलिस थाना का दल मुख्य आरक्षी जगदीश चंद की अगुवाई में कटांढा के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान थनाली नाला से कटांढा की ओर एक व्यक्ति आया। उक्त व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने उसे काबू करके शक के आधार पर उसकी तलाशी ली तो उसकी जैकेट में रखे एक बैग में से एक किलो 400 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते सहायक लोक अभियोजक पंकज धीमान ने 9 गवाहों के बयान कलमबंद करवाकर आरोपी पर अभियोग साबित किया। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपी का पहला अपराध होने के कारण नरम रूख अपनाने की प्रार्थना की। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक जे के गोसवामी ने कडी सजा देने की दलील दी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नारकोटिक से जुडे अपराध से बहुत से लोगों पर दुष्प्रभाव पडता है। समाज पर पडने वाले इस दुष्प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में इन मामलों में नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस की मात्रा को देखते हुए उक्त सजा का फैसला सुनाया।
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