Saturday, 28 April 2012

मौलिक कर्तव्य के प्रति जागरूकता के लिए जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन


भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों के महत्व व उन्हें प्रभावषाली बनाए रखने के लिए आम नागरिकों को मौलिक कर्तव्यों के प्रति उनकी जिम्मेवारी व दायित्व की जानकारी में वृद्वि व जागरूकता लाने के उददेष्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आज मण्डी में ‘जन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया । जिला एवं सत्र न्यायधीष श्री विरेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया तथा उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मौलिक अधिकार व मौलिक कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक हैं । उन्होंने कहा कि देष के सभी नागरिकों का दायित्व है कि मौलिक कर्तव्यों का पूरी जिम्मेवारी के साथ निर्वाह करें तभी मौलिक अधिकार असरदायक और सुरक्षित रहेंगे । उन्होंने कहा कि देष के प्रति प्रेम, सेवा व सम्पर्ण केवल शब्दों में नहीं, केवल विचारों में नहीं अपितू हमारे कार्यो में इलकना चाहिए । उन्होंने कहा कि आज समय की आवष्यकता है कि कुछ ऐसी संस्थाएं व लोग देष व समाज में आम जनमानस को उनके मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए आगे आएं, जिससे आने वाली युवा पीढी को अधिकारों के साथ-साथ समाज में उनके कर्तव्यों के बारे में पूरी जानकारी हो सके। श्री विरेन्द्र सिंह ने मौलिक कर्तव्यों के लिए संविधान के अनुछेद 51-ए राष्ट्रीय ध्वज व राष्ट्रीयगान के प्रति नागरिकों के दायित्व के बारे जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्र की असमिता से जुडा है और प्रत्येक व्यक्ति अपने राष्ट्रीय ध्वज को देखकर गौरवान्वित होता है और हम सब का फर्ज है कि राष्ट्र की असमिता व देषभक्ति के प्रतीक ध्वज का सम्मान व आदर करें तथा नियमों के प्रावधान के अनुसार ही आयोजनों मेंं उपयोग में लाएं । उन्होंने कहा कि इस बात का विषेष ध्यान रखे कि किसी भी स्तर पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न होने दें । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गान में हमारी आजादी की गाथा को लडी के रूप में पेष किया है और राष्ट्रीयगीत विभिन्नता में एकता के संदेष का भी प्रतीक है। उन्होंने लोगों का आहवान किया कि वे जहां अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं वहीं उन्हें उससे अधिक मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए और प्रबुद्व नागरिक का दायित्व है कि दैनिक कार्यो में मौलिक कर्तव्यों के बारे में समाज के लोगों को जागरूक करके देष सेवा में अपनी सहभाागिता सुनिष्चित बनाएं । अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीष श्री राकेष कैंथला ने मौलिक कर्तव्यों की जानकारी बहुत सरल व प्रभावी ढंग से दी । ज्यूडिषयल मजिस्ट्रेट श्री राजेष चौहान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा कहा कि माननीय उच्च न्यायलय ने मौलिक अधिकारों के प्रति जनसंवाद कार्यक्रम आरंभ करके सराहनीय पहल की है । कार्यक्रम में अधिवक्ता श्री समीर कश्यप व श्रीमती अलकनंदा हांडा ने भी अपने विचार रखें तथा बार एसोसियेषन के अध्यक्ष श्री डी.सी. गुलेरिया ने धन्यवाद किया । कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीष फास्टट्रेक श्री आर.के. शर्मा, जीफ ज्यूडिषयल मजिस्ट्रेट श्री डी.आर ठाकुर, न्याययिक दंडाधिकारी अमरदीप सिंह, पूर्व महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती कृष्णा टंडन सहित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी व स्कूली छात्र व अधिवक्ता उपस्थित थे ।  

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