मंडी। देश भर में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए भले ही प्रदेश सरकार को अग्रणी राज्य के रूप में पेश किया जाता रहा हो। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है। अकेले सिराज विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में ही सैंकडों अध्यापकों के पद कई सालों से रिक्त पडे हैं। इसका खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता संत राम को शिक्षा विभाग दवारा मुहैया करवाई गई सूचना से हुआ है। उन्होने बताया कि इन सूचनाओं से क्षेत्र के बच्चों को मिलने वाली शिक्षा की पोल खुल गई है। यही कारण है कि क्षेत्र के विद्यार्थी विभिन्न परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इस साल नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा से क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के किसी भी छात्र को प्रवेश नहीं मिल पाया है। उन्होने बताया कि सूचना से पता चला है कि सराज खंड की प्राईमरी पाठशालाओं में जेबीटी, एच टी और सीएचटी के 65 पद खाली पडे हैं। इसके अलावा राजकीय प्राथमिक पाठशाला शंकर देहरा में 12, घाट में 13, धन्वार में 17, मुराह में 9, खणी में 3, बगस्याड में 4, खुनाची में 6, थाची में 6 घन्यार में 7,शिवा कुटेहड में 7, जंजैहली में 3, बालीचौकी में 2, खोला नाला में9,पंन्जाई में 7, झुंगी में 6, थुनाग में 5, जरोल में 9, चिऊणी में 8 शिक्षकों के पद खाली पडे हैं। इसके अलावा उच्च पाठशाला परवाडा में 3, बेखली में एक, काण्ढीधार में 2, हलीण में 6, केलटी में 6, देवधार में एक, नारायणगढ में 5, मौवीसेरी में 2, राजकीय माध्यमिक पाठशाला देवधार में 6, शारटी में 5, किलींग में 4, मैहरीधार में 14, खुहण में 2 और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छतरी में शिक्षकों के 2 पद रिकत पडे हैं। जबकि कुछ स्कूलों से सूचना मुहैया नहीं हुई है। उन्होने कहा कि क्षेत्र के नौनिहाल शिक्षकों के बगैर शिक्षा से वंचित हैं। उन्होने कहा कि क्षेत्र के विधायक पंचायती राज मंत्री राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं जबकि ऐसा लगता है कि उन्हे अपने क्षेत्र के छात्रों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होने मांग की है कि इन पदों को शीघ्र भरने के आदेश दिए जाएं। अन्यथा क्षेत्रवासी आंदोलन का रास्ता अखतियार कर लेंगे।
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