Saturday, 7 April 2012

चरस तस्करी के आरोपी को आठ साल की कठोर कारावास 80,000 रूपये जुर्माने की सजा

मंडी। चरस तस्करी का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 8 साल के कठोर कारावास और 80,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के विशेष न्यायलय ने उतराखंड के टिहरी गढवाल जिला की प्रताप नगर तहसील के बनसोली टाली (अजवानी सेन) निवासी नरेश पालीवाल पुत्र बासती राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत चरस बरामद होने का अभियोग साबित होने पर उक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार 12 मार्च 2008 को पुलिस का दल मुख्य आरक्षी सतीश कुमार की अगुवाई में पंडोह डैम के नजदीक जीरो प्वाइंट में नाकाबंदी पर तैनात था। इसी बीच कुल्लू की ओर से आ रही एक बस को तलाशी के लिए रोका गया। बस की तलाशी लेने के लिए इसके चालक और परिचालक को बतौर गवाह शामिल किया गया। तलाशी लेने के दौरान आरोपी पुलिस को देख कर घबरा गया। जिस पर पुलिस ने शक के आधार पर आरोपी के बैग की तलाशी ली तो इसमें से एक किलो 600 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक एस एस कौंडल ने 14 गवाहों के बयान कलमबंद कराकर मामले को साबित किया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपी का पहला अपराध होने के कारण नरम रूख अपनाने की मांग की। जबकि सहायक लोक अभियोजक जे के गोस्वामी ने आरोपी को कडी सजा देने की अपील की। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नारकोटिक से जुडे अपराध से बहुत से लोगों पर दुष्प्रभाव पडता है। इस अपराध से समाज पर पडने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में इन मामलों में नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। जिसके चलते अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस की मात्रा को देखते हुए उक्त सजा का फैसला सुनाया।

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