मंडी। स्वर्ण आभूषणों की मुआवजा राशि अदा न करने को बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ता के पक्ष में 1,26,652 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी को सेवा में कमी के कारण उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का आदेश दिया। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सुंदरनगर सर्किट बैंच के दौरान सुनाए फैसले में सवाड मुहल्ला (पुराना बाजार) निवासी राजिन्द्र कुमार पुत्र तारा चंद के पक्ष में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को यह मुआवजा राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता सी एल अवस्थी के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने मकान में रखे स्वर्ण आभूषण और अन्य सामान कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। उपभोक्ता और उनके परिवार के सदस्य 26 मार्च 2009 को जवाहर पार्क में नलवाड सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के लिए गए हुए थे। क्रार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब वह अपने घर में पहुंचे तो वहां जा कर पता चला कि कमरे की जाली काट कर चोरों ने मकान में प्रवेश करके वारदात को अंजाम दिया है। चोरों ने गोदरेज की अलमारी में रखे स्वर्ण आभूषण चोरी कर लिए थे। उपभोक्ता ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाकर बीमा कंपनी को घटना की सूचना दी थी। जिस पर कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती की थी और नुकसान का आकलन किया था। लेकिन कंपनी ने इस आधार पर मुआवजा अदा नहीं किया कि उपभोक्ता ने लापरवाही बरत कर बीमा शर्तों का उल्लंघन किया है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बीमा कंपनी उपभोक्ता पर लापरवाही का आरोप साबित नहीं कर सकी। ऐसे में फोरम ने मुआवजा अदा न करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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