Tuesday, 12 June 2012

विश्व बाल मजदूर दिवस पर बाल मजदूरी के अभिशाप पर गोष्ठी आयोजित


मंडी। विश्व बाल मजदूर दिवस के अवसर पर बाल मजदूरी के अभिशाप को लेकर जिला एवं सत्र न्यायलय में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। न्यायलय के बार रूम में आयोजित इस गोष्ठी की अध्यक्षता न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अमरदीप सिंह ने की। इस अवसर पर उन्होने बाल मजदूरी को देश पर श्राप बताते हुए इसके उन्मूलन को सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने का आहवान किया। उन्होने कहा कि यह हमारे लिए शर्मनाक है कि हमारे देश में करीब 90 लाख बाल श्रमिक हैं। वहीं पर प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज ने गोष्ठी में कहा कि हालांकि देश में बाल मजदूरी रोकने के लिए कानून मौजूद हैं लेकिन यह समस्या थमने के बजाय दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। जिस आयु में बच्चों को अपनी पढाई करनी चाहिए बाल मजदूर कमरतोड मेहनत करने को मजबूर हैं। बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अधिवक्ता समीर कश्यप ने कहा कि बाल मजदूरों को कम वेतन के बदले अच्छी पढाई मिलनी चाहिए जिससे आगे चलकर वह अच्छी नौकरी पाकर अच्छी जिंदगी के हकदार बन सकें। उन्होने कहा कि प्रदेश में बाहरी राज्यों के लोगों के बच्चे भी माता-पिता के साथ रोजी रोटी कमाने के लिए ढाबों और कारखानों में काम करते हैं। उन्होने कहा कि गैर सरकारी संस्थायें इस समस्या पर अपनी कारगर भूमिका निभा सकती हैं। गोष्ठी में जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया सहित बार एसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे।  

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