मंडी। पौने दो कविंटल पौपी सट्रा (भुककी) सहित पकडे जाने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने चार आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 15(सी) के तहत चलाए गए अभियोग को शंका से दूर साबित नहीं कर पाया। अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला के विशेष न्यायलय ने जिला कुल्लू के भुंतर थाना अतंर्गत साढाबाईं निवासी निर्मल सिंह पुत्र मंगसरू राम, रौणी निवासी गुप्त राम पुत्र गुडडु राम, हरिश चंद्र पुत्र केशव राम और बेकर निवासी वेद राम पुत्र केशव राम को बरी करने का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार औट थाना पुलिस का दल 2 मई 2010 को औट टनल के पास गश्त के लिए जा रहा था। इसी दौरान टनल के पास खडी एक जीप से आरोपी बोरियां उतार रहे थे। पुलिस पर नजर पडते ही आरोपियों ने भागने की कोशीश की तो पुलिस ने एक आरोपी को मौका से काबू कर लिया जबकि तीन अन्य आरोपी अंधेरे का फायदा उठाते हुए मौका से फरार हो गए। पुलिस ने जब जीप में रखी बोरियों की तलाशी ली तो इसमें से 176 किलो 475 ग्राम अफीम की पौपी सट्रा ( भुककी) की भारी खेप बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 18 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवकता शैलेष शर्मा, आर के शर्मा, राजेश शर्मा और डी सी गुलेरिया ने इस मामले में पैरवी की। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों से बरामदगी और उनकी पहचान साबित नहीं कर पाया। इसके अलावा अभियोजन के गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिए हैं। इन तथ्यों को देखते हुए अदालत ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।
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