Thursday 19 May 2011

उच्चतम न्यायलय के न्यायधीश का है मंडी से विशेष नाता

समीर कश्यप
मंडी। उच्चतम न्यायलय के न्यायधीश एवं मुमबई उच्च न्यायलय के पूर्व मुखय न्यायधीश सवतंत्र कुमार जब मंडी न्यायलय में पहुंचे तो कई पुरानी यादों में खो गए। न्यायधीश सवतंत्र कुमार का मंडी से एक विशेष नाता रहा है। उनके पिता ओ पी शर्मा यहां पर जिला एवं सत्र न्यायधीश के तौर पर अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। अपने पिता के सेवाकाल के दौरान न्यायधीश सवतंत्र कुमार विजय सीनीयर सेकैन्डरी पाठशाला के छात्र रहे हैं। न्यायधीश के मंडी शहर में बहुत से बचपन के दोसत भी हैं। जिनमें से प्रो. रवि, प्रो. डी.एन कपूर और प्रो. कृपाल के नाम शुमार हैं। मंडी में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होने पिता के नकशे कदम पर चलते हुए कानून की पढाई करके उन्होने साल 1971 में दिल्ली में अपनी प्रैकटिस शुरू की। उच्चतम न्यायलय और कई उच्च न्यायलयों में प्रैकटिस के बाद साल 1983 में उन्होने मंडी में अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश का पद भार संभाला तो उन्हे एक बार फिर अपने बचपन के जवान हो चुके दोसतों और मंडी शहर के साथ समय बिताने का मौका मिला। इसके बाद उन्हे दिल्ली उच्च न्यायलय में अतिरिकत न्यायधीश के रूप में तैनात किया गया। यहां से उन्हे सथाई न्यायधीश के तौर पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायलय में तैनात किया गया। साल 2004 में उनका तबादला को दिल्ली हो गया । उन्हे साल 2007 में मुमबई उच्च न्यायलय का मुखय न्यायधीश तैनात किया गया । यहीं से उन्हे साल 2009 में उच्चतम न्यायलय का न्यायधीश नियुकत किया गया। न्यायधीश सवतंत्र कुमार 31 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत होंगे। इधर मंडी प्रवास के दौरान भी न्यायधीश अपनी यादों को ताजा करने का मोह नहीं त्याग पाए। वीरवार को जब वह जिला बार एसोसिएशन के बुलावे पर न्यायलय परिसर में पहुंचे। जैसे ही वह अपने वाहन से बाहर निकले तो अधिवकताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ सवागत किया। न्यायधीश बहुत ही तत्परता और आत्मियता के साथ अपने समकालीनों, सीनीयरों और युवा अघिवकताओं से मिले। अपनी बातचीत के दौरान वे कई बार अपनी पुरानी यादों में खो गए।

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