Monday, 2 July 2012

चरस सहित हिरासत में लिया आरोपी साक्ष्यों के अभाव में बरी


मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आर के शर्मा के न्यायलय ने जिला कुल्लू के भून्तर थाना अंतर्गत ज्येठडा (ठेला) निवासी झाबे राम पुत्र ख्याल चंद के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने के कारण उसे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 14 जुलाई 2010 को पंडोह चौकी प्रभारी एएसआई भीम सैन की अगुवाई में डयोड की ओर जा रहा था। इसी दौरान कैंची मोड के पास पैदल आ रहे आरोपी ने पुलिस को भागने की कोशीश की। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उसकी तलाशी ली तो उसकी कमर में ढाटू से बंधी 900 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन की ओर से इस मामले में 9 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता समीर कश्यप का कहना था कि अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 50 के आवश्यक प्रावधानों की अवहेलना की गई है। इन प्रावधानों के तहत शरीर के हिस्से से बरामद होने वाले मादक पदार्थ वाले मामलों में आरोपी की तलाशी लेने से पहले उसे यह अधिकार बताना जरूरी होता है कि वह अपनी तलाशी किसी मैजिस्ट्रेट, राजपत्रित अधिकारी या वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को दे सकता है। लेकिन इस मामले में आरोपी को इन अधिकारों की सूचना न देकर प्रावधानों की अनुपालना नहीं की गई थी। इसके अलावा अभियोजन पक्ष के गवाहों ने परस्पर विरोधाभासी बयान दिए हैं। अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलों को स्वीकारते हुए आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया।  

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