मंडी। बार कौंसिल के आहवान पर दो दिवसीय देशव्यापी हडताल के दूसरे दिन भी जिला बार एसोसिएशन ने अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने शहर में जूलूस निकाल कर केन्द्र सरकार के प्रस्तावित बिलों के खिलाफ जमकर नारे बाजी की। वीरवार को अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। अधिवक्ताओं ने अदालतों की कारवाहियों में भाग नहीं लिया। जिससे अदालतों में प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से कारवाही करनी पडी। अधिवक्ताओं ने न्यायलय परिसर, उपायुक्त परिसर, गांधीचौक, चौहटा बाजार से होते हुए एक जूलूस निकाला। जिसमें हायर एजूकेशन एंड रिसर्च बिल, 2011 और नेशनल एक्रीडेशन रेगुलेटरी अथारटी फार हायर एजूकेशनल इन्सटीच्युशनस एक्ट, 2010 के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान धर्म चंद गुलेरिया ने कहा कि बार कौंसिल आफ इंडिया की इस काल में स्थानिय बार एसोसिएशन ने बढ चढ कर हिससा लिया। उन्होने कहा कि इन कानूनों से विधिक समुदाय की स्वायतता और स्वतंत्रता खतरे में पड जाएगी। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव विजय ठाकुर ने कहा कि इस कानूनों की आड में विदेशी ला फर्म को भारत में प्रवेश करवाया जा रहा है। जो विधिक समुदाय के लिए घातक है। उन्होने कहा कि अगर यह काले कानून वापिस नहीं लिये गए तो आने वाले समय में अधिवक्ताओं को अपना संघर्ष तेज करना पडेगा।
Thursday 12 July 2012
जिला बार एसोसिएशन ने दूसरे दिन भी अदालतों का बाहिष्कार किया
मंडी। बार कौंसिल के आहवान पर दो दिवसीय देशव्यापी हडताल के दूसरे दिन भी जिला बार एसोसिएशन ने अदालतों का बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने शहर में जूलूस निकाल कर केन्द्र सरकार के प्रस्तावित बिलों के खिलाफ जमकर नारे बाजी की। वीरवार को अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। अधिवक्ताओं ने अदालतों की कारवाहियों में भाग नहीं लिया। जिससे अदालतों में प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से कारवाही करनी पडी। अधिवक्ताओं ने न्यायलय परिसर, उपायुक्त परिसर, गांधीचौक, चौहटा बाजार से होते हुए एक जूलूस निकाला। जिसमें हायर एजूकेशन एंड रिसर्च बिल, 2011 और नेशनल एक्रीडेशन रेगुलेटरी अथारटी फार हायर एजूकेशनल इन्सटीच्युशनस एक्ट, 2010 के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान धर्म चंद गुलेरिया ने कहा कि बार कौंसिल आफ इंडिया की इस काल में स्थानिय बार एसोसिएशन ने बढ चढ कर हिससा लिया। उन्होने कहा कि इन कानूनों से विधिक समुदाय की स्वायतता और स्वतंत्रता खतरे में पड जाएगी। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव विजय ठाकुर ने कहा कि इस कानूनों की आड में विदेशी ला फर्म को भारत में प्रवेश करवाया जा रहा है। जो विधिक समुदाय के लिए घातक है। उन्होने कहा कि अगर यह काले कानून वापिस नहीं लिये गए तो आने वाले समय में अधिवक्ताओं को अपना संघर्ष तेज करना पडेगा।
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