मंडी। बार कौंसिल आफ इंडिया की दो दिवसीय देशव्यापी हडताल में जिला बार एसोसिएशन बढ चढ कर भाग लेगी। एसोसिएशन ने मंगलवार को बार रूम में आपात बैठक आयोजित कर केन्द्र सरकार के प्रस्तावित बिलों के खिलाफ दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन के दौरान अदालतों के बाहिष्कार करने, धरने और ज्ञापन देने के प्रस्ताव पारित किये। बार कौंसिल आफ इंडिया की काल पर जिला बार एसोसिएशन 11 और 12 जुलाई को अदालतों की कार्यवाही का बाहिष्कार करेगी। इस दौरान अधिवक्ता न्यायलयों की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे। बैठक में प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज ने बताया कि बार कौंसिल ने विरोध प्रदर्शन की यह काल केन्द्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा विधि व्यवसाय की स्वायतता को खत्म करने और विदेशी वकीलों को भारतीय न्यायलयों में काम करने की अनुमति देने की साजिश को बेनकाब करने के लिए दी है। केन्द्र सरकार हायर सटडिज एंड रिसर्च बिल और नेशनल एक्रीडेशन रेगुलेटरी अथारिटी फार हायर एजूकेशनल इंसटीच्युशन एक्ट को लागू करना चाहती है। जबकि अधिवक्ताओं की मांग है कि विधिक संस्था बार कौंसिल आफ इंडिया जो चुनाव करके बनती है को अप्रासांगिक न बनाया जाए। जबकि प्रस्तावित कानून में बार कौंसिल की जगह सरकार द्वारा मनोनीत कमेटी की प्रकृति जनतांत्रिक परंपरा के खिलाफ होगी। इन कानूनों से विधी व्यवसाय की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी। बैठक में प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य नरेन्द्र गुलेरिया ने कहा कि प्रस्तावित कानून एडवोकेट एक्ट के खिलाफ है जिसके तहत इस व्यवसाय को स्वायतता प्रदान की गई है। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के उप-प्रधान मनीष भारद्वाज ने की। एसोसिएशन के सहसचिव आशीष शर्मा ने बताया कि बैठक में पूर्व अध्यक्ष दुनी चंद शर्मा, एम पी सहगल, लाईब्रेरियन प्रशांत शर्मा सहित जिला बार एसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे।
Tuesday, 10 July 2012
बार कौंसिल आफ इंडिया की दो दिवसीय देशव्यापी हडताल में बढ चढ कर भाग लेगी मंडी की जिला बार एसोसिएशन
मंडी। बार कौंसिल आफ इंडिया की दो दिवसीय देशव्यापी हडताल में जिला बार एसोसिएशन बढ चढ कर भाग लेगी। एसोसिएशन ने मंगलवार को बार रूम में आपात बैठक आयोजित कर केन्द्र सरकार के प्रस्तावित बिलों के खिलाफ दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन के दौरान अदालतों के बाहिष्कार करने, धरने और ज्ञापन देने के प्रस्ताव पारित किये। बार कौंसिल आफ इंडिया की काल पर जिला बार एसोसिएशन 11 और 12 जुलाई को अदालतों की कार्यवाही का बाहिष्कार करेगी। इस दौरान अधिवक्ता न्यायलयों की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे। बैठक में प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज ने बताया कि बार कौंसिल ने विरोध प्रदर्शन की यह काल केन्द्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा विधि व्यवसाय की स्वायतता को खत्म करने और विदेशी वकीलों को भारतीय न्यायलयों में काम करने की अनुमति देने की साजिश को बेनकाब करने के लिए दी है। केन्द्र सरकार हायर सटडिज एंड रिसर्च बिल और नेशनल एक्रीडेशन रेगुलेटरी अथारिटी फार हायर एजूकेशनल इंसटीच्युशन एक्ट को लागू करना चाहती है। जबकि अधिवक्ताओं की मांग है कि विधिक संस्था बार कौंसिल आफ इंडिया जो चुनाव करके बनती है को अप्रासांगिक न बनाया जाए। जबकि प्रस्तावित कानून में बार कौंसिल की जगह सरकार द्वारा मनोनीत कमेटी की प्रकृति जनतांत्रिक परंपरा के खिलाफ होगी। इन कानूनों से विधी व्यवसाय की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी। बैठक में प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य नरेन्द्र गुलेरिया ने कहा कि प्रस्तावित कानून एडवोकेट एक्ट के खिलाफ है जिसके तहत इस व्यवसाय को स्वायतता प्रदान की गई है। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के उप-प्रधान मनीष भारद्वाज ने की। एसोसिएशन के सहसचिव आशीष शर्मा ने बताया कि बैठक में पूर्व अध्यक्ष दुनी चंद शर्मा, एम पी सहगल, लाईब्रेरियन प्रशांत शर्मा सहित जिला बार एसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे।
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