Tuesday, 17 December 2013

साक्ष्यों के अभाव में चरस तस्करी का आरोपी बरी


मंडी। चरस तस्करी का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया। आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर उसे बरी कर दिया गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला के विशेष न्यायलय ने हरियाणा के रोहतक तहसील के कन्साला निवासी महावीर पुत्र हुक्म चंद के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित नहीं होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार सदर थाना पुलिस का दल 21 सितंबर 2009 को राष्ट्रीय राजमार्ग 21 पर बिंद्रावणी के पास तैनात था। इसी दौरान कुल्लू की ओर से आ रही निजी बस की तलाशी लेने पर सीट नंबर 32 पर बैठे आरोपी की कमर से बंधी 850 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 11 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राजेश शर्मा का कहना था कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिये हैं जिससे आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए उसे बरी करने का फैसला सुनाया।

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