मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया है। आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण अदालत ने उसे बरी करने के आदेश दिये हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पी पी रांटा के न्यायलय ने कांगडा जिला की बैजनाथ तहसील के गुलेहड (बीड) निवासी प्यारे लाल पुत्र हरि राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 सितंबर 2010 को सदर थाना पुलिस का दल एएसआई राम लाल की अगुवाई में राष्ट्रीय राजमार्ग 21 पर सुक्की बाईं के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान पंडोह की ओर से पैदल आ रहे आरोपी ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने आरोपी को काबू करके संदेह के आधार पर उसके बैग की तलाशी ली। तलाशी लेने पर बैग में से एक किलो चरस बरामद होने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके आरोपी को हिरासत में लिया था। जिसके बाद आरोपी पर अदालत में अभियोग चलाया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 13 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवाए गये थे। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विकाश शर्मा और रत्न लाल वर्मा का इस मामले में कहना था कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत गवाहों ने विरोधाभासी ब्यान दिये हैं और साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित नहीं हुआ है। अदालत ने दोनो पक्षों की विस्तार से सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।
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