मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में 55,642 रूपये ब्याज सहित लौटाने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले 1,00,000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा तथा लाल सिंह ने बीबीएमबी कलौनी सुंदरनगर स्थित विदयुत बोर्ड में कार्यरत तारा चंद शर्मा पुत्र शंकर दास की शिकायत को उचित मानते हुए मंडी के लुनापानी स्थित मैसर्ज सतलुज मोटरस को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये। अधिवक्ता महेश चंद्र शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार वाहन विक्रेता और निर्माता की ओर से टाटा कार की एक्सचेंज स्कीम लांच की गई थी जिसमें टाटा कार के बदले में बकाया राशि देकर नयी कार दी जानी थी। विक्रेता के एजेंट के संपर्क करने पर उपभोक्ता ने नयी कार खरीदने की इच्छा जाहिर की तो उनके पुराने वाहन की कीमत 1,70,000 रूपये आंकी गई। उपभोक्ता ने उसी रंग और माडल की कार चयनित की लेकिन विक्रेता ने कार की चाबी उपलब्ध न होने के कारण एक अन्य वाहन की डिलीवरी उन्हे दे दी। उन्हे गेट पास और बीमा पालिसी भी सौंपी गई जिसमें वाहन को 2012 माडल दिखाया गया था। विक्रेता ने जब उपभोक्ता को वाहन के दस्तावेज सौंपे तो इसके सेल सर्टिफिकेट के मुताबिक यह 2011 का माडल निकला। उपभोक्ता का कहना था कि विक्रेता ने अधिक राशि वसूल करके पुराने माडल का वाहन बेचा है। ऐसे में उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता ने उपभोक्ता से पुराने माडल का वाहन बेचने के लिए नये माडल की कीमत वसूल की है। विक्रेता की यह कार्यप्रणाली सेवाओं में कमी को दर्शाती है। ऐसे में फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में अधिक वसूली गई राशि ब्याज सहित लौटाने और सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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