मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायलय में मिडिएशन (मध्यस्थता) पर जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला ने की। जिला न्यायलय के बार रूम में आयोजित इस शिविर को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि मिडिएशन के माध्यम से अदालतों में मामलों के निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है। उन्होने मिडिएशन से अपने मामलों को सुलझाने के लिए अधिवक्ताओं और याचिकाकर्ताओं को पूरा-2 सहयोग करने का आहवान किया। इससे पूर्व प्रशिक्षित मिडिएटर अमर चंद वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मिडिएशन से हमेशा-हमेशा के लिए मामलों का निपटारा हो जाता है। वहीं पर अधिवक्ता दिगविजय सिंह कटोच ने बताया कि मिडिएशन से दोनो पक्षों को अपनी बात रखने और अपनी शर्तों पर मामले का परिणाम तय करने का मौका मिलता है। दोनों ही पक्ष मिडियशन के बाद हार-जीत की बजाय वह कुछ न कुछ हासिल करके ही जाते हैं। अधिवक्ता दिनेश कुमार शर्मा ने इस मौके पर कहा कि मिडिएशन से याचिककर्ताओं का समय, धन और ऊर्जा की बचत होती है और उनके मामलों का शीघ्र निस्तारण हो जाता है। अधिवक्ता समीर कश्यप का कहना था कि समझौते योगय मामलों को निस्तारण के लिए अदालत से मिडिएशन केन्द्र को प्रेषित किया जाता है। जिसमें मिडिएटर दोनो पक्षों का संयुक्त और एकल सत्रों में विवाद को समझने के बाद उन्हे समझौते के लिए प्रेरित करता है। समझौता हो जाने पर मिडिएटर संबंधित न्यायलय को केस की फाईल भेजता है। अदालत में इस समझौते के माध्यम से विवाद का हमेशा-2 के लिए निपटारा कर दिया जाता है। इस शिविर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पदम सिंह ठाकुर, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मैहता, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन उपासना शर्मा, कोर्ट नंबर चार गीतिका कपिला, विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुवीर सिंह, प्रशिक्षित मिडिएटर, जिला बार एसोसिएशन के सदस्य और न्यायलय में मामलों की सुनवाई के लिए आए फरीकैन (वादी-प्रतिवादी) मौजूद थे।
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