Monday, 30 December 2013

निजी बस परिचालकों की मनमानी की शिकायत


मंडी। शहर के समीपवर्ती गांवों को जाने वाली सवारियां निजी बसों में यात्रा करने से वंचित हैं। लोकल सवारियों को इन बसों में अक्सर दुव्र्यवहार का सामाना करना पडता है। ऐसी ही एक शिकायत यहां के नजदीकी पंजेहटी (तल्याहड) गांव की सीमा सेन पत्नी प्रदीप सेन ने जिला पुलिस अधीक्षक को दी है। उन्होने शिकायत की प्रति परिवहन मंत्री, आरटीओ और आरएम को भी प्रेषित की है। महिला के अनुसार वह अपने बच्चों सहित खरीदारी करने मंडी आई हुई थी। घर वापिस जाने के लिए वह बस स्टाप में खडी थी। लेकिन यहां से गुजरने वाली निजी बसों ने लोकल सवारियों को बस में चढने से रोक दिया और उन्हे सरकारी बस में आने को कहा। जब वह एक निजी बस में चढ गई तो कंडक्टर ने कहा कि जेलरोड, तवामडा, दो अंब की लोकल सवारियों के लिए कोई सीट नहीं है और उन्हे तल्याहड में अपने गांव से डेढ किलोमीटर दूर उतरना पडेगा। परिचालक ने उनकी बेइज्जती की और दुव्र्यवहार किया । उन्होने बताया कि दो अंब में बस के न रूकनेे से छात्रों और कार्यालयों में पहुंचने वाले लोगों को देरी होती है और उन्हे परेशानी का सामना करना पडता है। निजी बसों के परमिट लोगों की सुविधा के लिए दिये हैं लेकिन इनकी कार्यप्रणाली से वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और छात्रों को भारी परेशानी उठानी पड रही है। उन्होने उक्त बस कंडक्टर के खिलाफ दुव्र्यवहार करने पर कार्यवाही अमल में लाए जाने की मांग की है। इधर, सीपीआई शहरी कमेटी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मंडी शहर तथा समीपवर्ती क्षेत्रों के लिए सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक नियमित तौर पर हर घंटे के बाद मुद्रिका बसें चलाई जाएं। सीपीआई के महासचिव समीर कश्यप ने कहा कि निजी बसों की कार्यप्रणाली ठीक की जाए और लोकल सवारियों को न बैठाने वाली निजी बसों पर कार्यवाही की जाए।

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