Monday, 16 January 2012

चरस तस्करी के आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा


मंडी। चरस तस्करी का अभियोग साबित होने पर अदालत ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना अदा न करने पर उसे दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी राजिन्द्र कुमार शर्मा की विशेष अदालत ने सदर उपमंडल के चौकडी (बृखमणी) गांव निवासी मान सिंह पुत्र माघु राम के कब्जे से 6 किलो चरस बरामद होने का अभियोग मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 25 अक्तुबर 2010 को गोहर थाना पुलिस का दल एएसआई राम लाल की अगुवाई में लंबा थाच के नजदीक निहरी खान के पास मौजूद था। इसी दौरान च्युणी की तरफ से पैदल आ रहे आरोपी ने पुलिस को देखकर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस दल ने आरोपी को काबू कर लिया। आरोपी की तलाशी लेने पर उसकी पीठ में उठाए पिठु बैग से 6 किलो चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी यश पाल सिंह नेगी ने 13 गवाहों के बयान दर्ज कर आरोपी पर अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किये गए साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित हुआ है। अदालत ने सजा की अवधी पर सुनवाई के दौरान कहा कि 20 वीं सदी के उतरार्ध में नशीले पदार्थों से जुडे अपराधों में चेतावनीपूर्ण ढंग से बढौतरी हुई है। इस तरह के अपराध न केवल व्यक्ति की सेहत के लिये नुकसानदेह है बल्कि देश के लिए भी समस्या है। ऐसे में इन मामलों में नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस की मात्रा व्यवसायिक होने के कारण उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया।  

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