मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने वितिय कंपनी को उपभोक्ता की 3,50,000 रूपये की राशी अडजस्ट करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए 15000 रूपये हर्जाना और 2500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए गए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा व लाल सिंह ने उप तहसील कोटली के कसाण(साईगलू) गांव निवासी चंद्रमणी पुत्र बदरू राम की शिकायत को उचित मानते हुए गुटकर स्थित मैगना फिनकोरप के शाखा प्रबंधक को उक्त आदेश दिए। अधिवक्ता आर के वर्मा के माध्यम से फोरम में दायर के अनुसार उपभोक्ता ने अपने वाहन को आईसीआईसीआई बैंक से फाइनैंस करवाया था। बाद में बैंक ने सारी लेनदारी उक्त वितिय कंपनी को सौंप दी थी। इसी बीच वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया। जिस पर बीमा कंपनी ने उक्त कंपनी के पास 3,50,000 रूपये की राशी दी थी। लेकिन वितिय कंपनी ने इस राशी को एक बार में ही अडजस्ट नहीं किया बल्कि इसे भविष्य में अडजस्ट किए जाने की बात कही। इतना ही नहीं कंपनी ने 5 किस्तें न देने का कारण बताते हुए 5000 रूपये पैनेल्टी लगा दी थी। उपभोक्ता ने जब अनापती प्रमाण पत्र(एनओसी) की मांग की तो उन्हे बताया गया कि अभी तक राशी का पूरा भुगतान नहीं हुआ है। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने शिकायत को उचित मानते हुए अपने फैसले में कहा कि कंपनी राशी को अडजस्ट करने के संबंध में आरबीआई के कोई निर्देश पेश नहीं कर पाई। राशी अडजस्ट न करने से उपभोक्ता इस पर मिलने वाली ब्याज राशी से वंचित रह गया। ऐसे में फोरम ने कंपनी को 3,50,000 रूपये की राशी जमा करने के दिन से इसे अडजस्ट करने के आदेश दिए। वहीं पर उपभोक्ता के खाते का ब्यौरा भी 15 दिन में सौंपने के आदेश दिए। जबकि कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया गया।
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