Thursday 5 January 2012

पैरा लीगल वालंटियर का एक दिवसीय शिविर आयोजित





मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा उपायुक्त कांफ्रेंस हाल में पैरा लीगल वालंटियर का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। सोमवार को आयोजित इस शिविर में जिला के विभिन्न उपमंडलों से आए 10 वालंटियर ने इसमें भाग लिया। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि दो सत्रों में चले इस शिविर के दौरान पैरा लीगल वालंटियर की भूमिका के बारे में जानकारी दी गई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला ने महिलाओं के अधिकारों और हिंदू मैरिज, चाइल्ड मैरिज रिसट्रेंट , फैमिली कोर्ट, गार्जियन एंड वार्डस और हिंदू मायनोरिटी एंड गार्जियन अधिनियमों की जानकारी दी। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आर के शर्मा ने महिलाओं के मैटरनिटी बेनीफिट, मेडिकल ट्रीटमेंट आफ प्रेगनेंसी और डावरी प्रोहिबिशन अधिनियमों के तहत महिला के अधिकारों की जानकारी दी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर ने सीआरपीसी की धारा 125, वर्किंग वुमैन की प्रताडना, घरेलू हिंसा और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम के तहत प्रशिक्षुओं को बताया। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक सुंदरनगर अनिश गर्ग ने उपभोक्ता अधिनियम, लेबर वेलफेयर, मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा, बंधुआ मजदूरी, एफ आई आर, गिरफ्तारी और बंदियों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी। न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर तीन अमरदीप सिंह ने आरोपियों के मूल अधिकारों, आरोपियों व बंदियों के कर्तव्य, पंजीकरण, स्टांप डयूटी और प्रोमिजरी नोट के बारे में बताया। प्रशिक्षित पैरा लीगल वालंटियर अधिवक्ता समीर कश्यप ने राजस्व कानून, जनहित याचिका और विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत लोक अदालत, एडीआर सिसटम और मुफत कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी। इस एक दिवसीय शिविर में अधिवक्ता सतीश कौशल, गोपाल राव, कुलदीप सिंह चंबयाल, राजेश ठाकुर, हरि ओम, विकास शर्मा, संदीप शर्मा, रूपेश उपाध्याय, पाल वर्मा और नरेश ठाकुर ने भाग लिया।  

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