Wednesday, 18 January 2012

चरस सहित पकडे जाने के दो आरोपियों को दो-दो साल के कठोर कारावास की सजा


मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने दो आरोपियों को दो-दो साल के कठोर कारावास और बीस-बीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपियों को तीन-तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला की विशेष अदालत ने पधर तहसील के जोरला गांव निवासी निहाल सिंह पुत्र छिगु राम और रिडा गांव निवासी तारा चंद पुत्र सरण सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के अनुसार सदर थाना पुलिस का दल 23 जनवरी 2006 को एएसआई भीम सैन की अगुवाई में मंडी के सकोर मार्ग लिंक मोड के पास मौजूद था। इसी बीच पुरानी मंडी की ओर से आ रहे उक्त आरोपियों ने पुलिस दल को देखकर तेज कदमों से चलना शुरू कर दिया। जिस पर पुलिस ने संदेह के आधार पर रोक कर उनकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान आरोपी निहाल सिंह के बैग से 550 ग्राम और तारा चंद के बैग से 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते उप जिला न्यायवादी सोहन सिंह कौंडल ने 12 गवाहों के बयान अदालत मे समक्ष कलमबंद करवाकर आरोपियों पर अभियोग साबित किया। आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण अदालत ने उन्हे चरस सहित पकडे जाने का दोषी करार दिया। सजा की अवधी पर सुनवाई के बाद अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस तरह के अपराधों के समाज पर पडने वाले प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लेकिन आरोपियों का पहला अपराध होने, उनकी युवावस्था होने और बरामदशुदा चरस की मात्रा व्यवसायिक न होने के कारण अदालत ने उन्हे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।  

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