मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने वाहन विक्रेता और निर्माता को उपभोक्ता के पक्ष में 25000 रूपये हर्जाना अदा करने के आदेश दिए । इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा ने सरकाघाट सर्किट बेंच के दौरान सुनाए फैसले में चहडी (थौना) निवासी राकेश कुमार पुत्र कश्मीर सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए वाहन विक्रेता रानी की बाई (गुटकर) स्थित राम हरी मोटरस और निर्माता मुम्बई स्थित फोर्स मोटरस लिमिटेड को उक्त आदेश दिए। अधिवक्ता भूपिन्द्र भरमौरिया के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने जीविका कमाने के लिए विक्रेता से वाहन खरीदा था। लेकिन वाहन खरीदने के बाद से ही इसमें खराबी आ गई। जिस पर उपभोक्ता ने विक्रेता की वर्कशाप में वाहन का निरिक्षण करवाया तो पता चला कि पिछले टायरों के ऐक्सिल में खराबी है। उपभोक्ता को आश्वसत किया गया कि जल्द ही खराबी दूर कर दी जाएगी। हालांकि उपभोक्ता द्वारा तीन बार विक्रेता की वर्कशाप में वाहन ले जाया गया लेकिन खराबी दूर नहीं की गई। इसके बाद विक्रेता ने पब्लिक इंजीनियर वर्कस के पास इसका निरिक्षण करवाया तो पिछली ऐक्सिल टयूब में खराबी पाई गई। लेकिन इसके बावजूद खराबी ठीक नहीं की गई। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता और निर्माता के ठीक ढंग से सेवा प्रदान न करना सेवाओं में कमी है। उनके पास सक्षम विशेषज्ञ तक मौजूद नहीं हैं जो खराबी का पता लगा सके। जिसके कारण विक्रेता ने खराबी का पता पब्लिक इंजीनियर वर्कस से करवाया। उन्होने सेवाएं प्रदान करने और खराब पुर्जों को बदलने में देरी की जिसके कारण उपभोक्ता को अपना वाहन बेचना पड गया। ऐसे में फोरम ने विक्रेता और निर्माता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी और मानसिक यंत्रणा की एवज में उक्त हर्जाना राशी और शिकायत अदा करने का फैसला सुनाया।
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