मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विद्युत बोर्ड को उपभोक्ता के मीटर के दो बिलों पर लगाए जुर्माने को निरस्त करने के आदेश दिए। इसके अलावा बोर्ड की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 1000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने को कहा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा व लाल सिंह ने थुनाग निवासी कश्मीर सिंह पुत्र हरी सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए हि. प्र. विद्युत बोर्ड के जंजैहली उपमंडल के एसडीओ को उपभोक्ता के दो बिलों पर लगाए जुर्माने को निरस्त करने के आदेश दिए। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता को 18 जून 2010 को 228 रूपये का बिल दिया गया। जिसे उन्होने अदा कर दिया। इसके बाद उन्हे 18 सितंबर 2010 को उन्हे 571 रूपये का बिल दिया गया। जिसकी पुरानी रिडिंग 5170 युनिट और नयी 5310 युनिट बताई गई। इसके बाद उपभोक्ता को 15 दिसंबर 2010 को 1327 रूपये का बिल जारी किया गया। जिसकी पुरानी रिडिंग 5310 युनिट की बजाय 5610 युनिट बताई गई। उपभोक्ता ने इस गल्ती को ठीक करने के लिए बोर्ड को संपर्क किया। लेकिन गल्ती सुधारने के बजाय उपभोक्ता का कुनेक्शन ही काट दिया गया। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के जवाब में बोर्ड का कहना था कि सितंबर महीने में उपभोक्ता ने मीटर में एकस रे सट्रीप लगा कर इसे रोक दिया था। जिसके कारण उनके बिल में 140 युनिट बढाए गए। जबकि बिल की बकाया राशी अदा न करने पर उनका कुनेक्शन काटा गया। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बिजली बोर्ड ने बिजली चोरी के मामले की विद्युत अधिनियम के तहत प्रक्रिया पूरी नहीं की। कुनेक्शन काटने से पहले यह प्रक्रिया पूरी न करने पर जुर्माना वसुलना गैरकानूनी है। ऐसे में फोरम ने सितंबर और दिसंबर माह के बिलों पर लगाए जुर्माने को निरस्त करने के आदेश दिए। वहीं पर बोर्ड की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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