Tuesday, 17 January 2012

परिवहन निगम के चालक को तीन माह के साधारण कारावास और 1000 रूपये जुर्माने की सजा


मंडी। हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम के आरोपी चालक के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने तीन माह के साधारण कारावास और 1000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को 15 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान के न्यायलय ने जिला बिलासपुर के जरोलजटा (बैरीहराड) गांव निवासी केशव लाल पुत्र परस राम के खिलाफ भादंसं की धारा 338 और 279 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: तीन माह और एक माह के साधारण कारावास और एक-एक हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना राशी अदा न करने पर उसे क्रमश: 15 दिन और 7 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 8 जून 2006 को मनाली से चंडीगढ जा रही हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम की बस को उक्त आरोपी चालक चला रहा था। जब बस कैंची मोड (डयोड) के पास पहुंची तो चालक ने तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाते हुए सडक पार कर रहे शुकरदीन को टक्कर मार कर घायल कर दिया था। जिस पर घटनास्थल पर मौजूद चाय की दुकान में काम करने वाले नेपाली युवक गोपी उर्फ वीरबहादुर ने पुलिस को घटना के बारे में सूचित किया था। पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे हिरासत में लेने के बाद अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने 13 गवाह पेश करके आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा अदालत में पेश किए गए पर्याप्त साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते उसे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। 

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