मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 24 हजार रूपये की राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 1000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सदर उपमंडल के ऊबा (शिवा) निवासी गिरधारी लाल पुत्र गंगा राम की शिकायत को उचित मानते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी की पैलेस कलौनी स्थित शाखा को उक्त राशी 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी चार जर्सी गायें बीमाकृत करवाई थी। बीमा अवधी के दौरान ही एक गाय की पहाडी से गिरने से मौत हो गई। उपभोक्ता ने गाय खरीदने में वितिय सहायता देने वाले हि.प्र. को-आपरेटिव बैंक को सूचित किया था। बैंक ने इसकी सूचना बीमा कंपनी को दी थी। कंपनी की सलाह पर उपभोक्ता ने मृत गाय का पोस्टमार्टम करवाकर इसकी रिर्पोट सहित तमाम दस्तावेज कंपनी को बैंक के माध्यम से पहुंचाए थे। उपभोक्ता को कंपनी की ओर से एक पत्र मिला जिसमें गाय के कान के टैग की मांग की गई। जिस पर उपभोक्ता ने कंपनी के कार्यालय में जाकर बताया कि कानों का टैग अन्य दस्तावेजों सहित पहले ही मुआवजा तय करने के लिए सौंप दिया गया है। इस बारे में बैंक ने एक प्रमाण पत्र भी जारी किया था जिसके अनुसार कानों का टैग तथा अन्य दस्तावेज कंपनी को सौंप दिये गए थे। लेकिन कंपनी के मुआवजा तय न करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस बारे में कंपनी का कहना था कि मृत गाय के कान में आधा टुटा हुआ और ढीला टैग था। जिस पर कंपनी का नाम नहीं था। इस कारण मुआवजा खारिज किया गया। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि मृत गाय की पहचान हेल्थ सर्टीफिकेट और पोस्ट मार्टम रिर्पोट के विवरणों से साबित होती है। यह विवरण कंपनी के सर्वेयर की रिर्पोट से भी मेल खाते हैं। कंपनी ने बैंक द्वारा जमा करवाए गये टैग के आधे हिस्से को भी पेश नहीं किया। फोरम ने अपने नतीजे पर पहुंचते हुए कहा कि मृत गाय वही थी जिसका बीमा करवाया गया था। ऐसे में फोरम ने कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में गाय की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
No comments:
Post a Comment