Wednesday, 25 January 2012

फेम ने किया डिफेम


मंडी। फाउंडेशन फार एडवांस मैनेजमेंट आफ इलैक्शन (फेम) ने हिमाचल के युवा कांग्रेस के मतदाताओं की विश्वशनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। हिमाचल के लोग  शान्तीप्रिय और ईमानदार छवि के लोग हैं। विक्रमादित्य सिंह को चुनाव न लडने देने का फैसला तथा उनके चुनावों को रद करना फेम की एक सोची समझी चाल है। युवा कांग्रेस के पूर्व महासचिव योगेश गोल्डी, यश कांत कश्यप, अभिजीत डोगरा, युवा कांग्रेस के प्रतिनिधी व मतदाता धीरज कौशिक, तेजिन्द्र सेन, अनुपम कश्यप, नितिश पंडित, विशाल कपूर, गगन, विपिन आदी युवाओं ने फेम के इस फैसले को अलोकतांत्रिक बताया। विक्रमादित्य सिंह ने पूरे हिमाचल भर में घूम कर युवा कांग्रेस की सदस्यता अभियान को आगे बढाया था। उनकी सवच्छ छवि को देख कर प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा युवा कांग्रेस के साथ जुडे थे। वह ऐसा समय था जब सब नेता अपने घर में बैठे रहे और अकेले विक्रमादित्य सिंह खराब मौसम की परवाह किए बगैर इस अभियान को सफल बनाने में डटे हुए थे। इन नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि हम विक्रमादित्य सिंह की छवि व गतिशील नेतृत्व को देखकर भारी संख्या में युवा कांग्रेस से जुडे थे। अगर फेम के निर्णय को वापिस नहीं लिया गया तो हम सब युवा कांग्रेस की सदस्यता को सामुहिक रूप से त्याग देंगे। इन नेताओं ने कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी से मांग की है कि फेम के निर्णय को बदला जाए और फेम के अधिकारियों पर उचित कार्यवाही की जाए कयोंकि उन्होने देवभूमि के भोले भाले और शांतीप्रिय युवा मतदाताओं की विश्वशनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। फेम ने जो निर्णय लिया है वह एकतरफा निर्णय है कयोंकि इस पूरे प्रकरण में एक तरफा कार्यवाही अंजाम देकर प्राकृतिक न्याय से वंचित किया गया है। इन नेताओं ने राहुल गांधी से मांग की है कि विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का भविष्य हैं। अगर फेम का यह फैसला पलटा नहीं गया तो आने वाले समय में कांग्रेस को नुक्सान होगा।  

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