मंडी। जिला के सनोर इलाका के जला गांव में जलौणी चौथ गणेश उत्सव की जाग में कुल्लू और मंडी जिला के हजारों श्रधालुओं ने बढचढ कर भाग लिया। इस अवसर पर देवता के माध्यम से लोगों की विध्न बाधाओं को दूर किया गया। बुधवार शाम करीब चार बजे देवता के भंडार से देवता की जलेब हजारों श्रधालुओं के साथ जला के गणेश मंदिर में पहुंची। जहां पर देवता के गुर ने देवता के माध्यम से लोगों की विध्न बाधाओं का ईलाज शुरू किया। रात करीब 11 बजे क्षेत्र के छिणी, कासणा और बागी गांव से मशालें लेकर मंदिर की ओर रवाना हुए। मंदिर परिसर में पहुंचते ही सभी गांवों से लाई गई मशालों से मैदान में आग जलाई गई। जिसके बाद देवता के गुर के माध्यम से देवता का संवाद शुरू हुआ। देवता के गुर ने लोगों की प्रश्नों का जबाब भी दिया। उल्लेखनीय है कि आज भी जिला के पहाडी क्षेत्रों में देवता ही लोगों के बीमारियों और व्याधियों का ईलाज करते हैं। देवता के कारदार लाल सिंह और बजीर हीरा लाल शर्मा ने बताया कि जिनके बच्चे नहीं होते या जिन्हे भूत-प्रेत लगे होते हैं या अन्य शारीरिक व्याधियों से कष्ट में होते हैं उनका इस अवसर पर देवता के माध्यम से ईलाज किया जाता है। ऐसे कष्टों से जुझ रहे लोगों को एक सप्ताह तक भूखे पेट रखा जाता है और सिर्फ पानी ही पीने को दिया जाता है। जाग की रात को देवता गुरों के माध्यम से इनका इलाज किया जाता है। देवता के हारियान अतुल शर्मा ने बताया कि जाग के अवसर पर कुल्लू और मंडी जिला से आए श्रधालुओं ने भारी संखया में भाग लिया। वहीं पर मंडी में चामुंडा माता और नजदीकी गांव देवधार में हुई जाग में भी भारी तादात में लोगों ने भाग लिया।
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