मंडी। चरस तस्करी का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। आरोपी पहले भी चरस तस्करी के एक अन्य मामले में सजा काट रहा है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) पी पी रांटा की विशेष अदालत (तीन) ने पधर तहसील के टिक्कन (धमचयाण) निवासी रोशन लाल पुत्र रती राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 22 मार्च 2010 को जोगिन्द्रनगर पुलिस थाना का दल उपनिरिक्षक धर्म सिंह की अगुवाई में नाकाबंदी पर तैनात था। इसी दौरान मंडी से पालमपुर जा रही एक निजी बस को तलाशी के लिए रोका गया। बस की तलाशी के दौरान आरोपी के पिट्ठु बैग से 2 किलो 700 ग्राम चरस बरामद होने पर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक अजय ठाकुर ने 14 गवाहों के बयान कलमबंद करवाकर अभियोग को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी से बरामदशुदा चरस 18 नवंबर 2009 को जारी अधिसूचना के अनुसार व्यवसायिक मात्रा में थी। ऐसे में उसे उक्त कारावास की सजा का फैसला सुनाया। बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि आरोपी की यह सजा पहले के मामले में दी गई सजा के साथ चलने के आदेश दिये जाएं। अदालत ने दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि आरोपी को 1 अगस्त 2013 को अदालत ने 29 अगस्त 2008 को दर्ज एक अन्य मामले में 850 ग्राम चरस बरामद होने पर मामले में सजा दी गई है। इस अलग मामले की सजा वह इन दिनों काट रहा है। जबकि वीरवार को सुनाए गए फैसले की सजा पहले वाली सजा के बाद शुरू होगी और यह दोनों सजाएं एक साथ नहीं चलेंगी।
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