Tuesday, 13 August 2013

चरस रखने का आरोपी साक्ष्यों के अभाव में बरी


मंडी। चरस रखने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों के अभाव में संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला के न्यायलय ने उप तहसील औट के टकोली (पनारसा) गांव निवासी दुर्गा सिंह उर्फ माघू के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 25 जनवरी 2009 को औट थाना पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी अपनी टकोली स्थित दुकान में मादक पदार्थ का धंधा करता है। ऐसे में पुलिस ने रेडिंग पार्टी बनाकर आरोपी के पोलट्री फार्म की तलाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को फार्म के अंदर के कमरे में रखी बुरादे की बोरी में से एक किलो 250 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम के तहत हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 11 गवाहों के बयान कलम बंद किये गये। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे विकास शर्मा एडवोकेट और आर एल वर्मा एडवोकेट का कहना था कि अभियोजन पक्ष के गवाहों ने विरोधाभासी ब्यान दिये हैं। जिससे आरोपी के खिलाफ चरस बरामदगी का अभियोग साबित नहीं हो पाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हो पाया है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

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