मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण समिती के सौजन्य से शनिवार को मध्यस्थता (मिडिएशन) पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला ने की। इस मौके पर संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि मिडिएशन के तहत अदालतों में मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके तहत अदालतों से समझौते की संभावना वाले मामलों को मिडिएशन सेंटर में भेजा जाता है जहां पर प्रशिक्षित मिडिएटरों के माध्यम से मामलों को निस्तारित करने की कोशीश की जाती है। उन्होने कहा कि मिडिएशन के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए जिला के अन्य उपमंडलों में भी इस तरह के शिविर आयोजित किये जाएंगे। शिविर में जानकारी देते हुए प्रशिक्षित मिडिएटर दुनी चंद शर्मा ने याचिकाकर्ताओं को मिडिएशन के बारे में बताते हुए कहा कि इस तकनीक से दोनों पक्षों के माध्यम से उनकी शर्तों पर समझौता किया जाता है जिससे विवाद हमेशा-2 के लिए खत्म किया जा सके। मिडिएटर अमर चंद वर्मा ने कहा कि दोनों पक्षों के सहमती के आधार पर होने वाले समझौते से मामला हमेशा-2 के लिए समाप्त हो जाता है। इसके अलावा दोनों पक्षों को मिडिएशन के लिए कोई राशि भी खर्च नहीं करनी पडती हैं। वहीं पर अदालतों की लंबी प्रक्रिया के दौरान समय, ऊर्जा और पैसों की हानी से बचा जा सकता है। मिडिएटर समीर कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में 90 फीसदी मामले इन दिनों मिडिएशन या एडीआर (अल्टरनेटिव डिस्पयुट रिडरैसल) के माध्यम से सुलझाए जा रहे हैं। हाल ही में प्रदेश भर के न्यायलयों में भी मिडिएशन की तकनीक का प्रयोग शुरू किया गया है। जिनके अच्छे परिणाम आने शुरू हो गये हैं। मिडिएटर ललित कपूर ने कहा कि मिडिएशन से कई मामलों का निस्तारण एक साथ ही हो जाता है। मामलों का निस्तारण दोनों पक्षों से सहमती से होने के कारण दोनों पक्षों को विवाद में जीत का अहसास होता है। प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज ने मिडिएशन की तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करके इसे लोकप्रिय बनाने की जरूरत पर बल दिया। शिविर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (एक) पदम सिंह ठाकुर, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) पी पी रांटा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर चार गीतिका कपिला, जिला एवं सत्र न्यायलय के प्रशिक्षित मिडिएटर, बार एसोसिएशन के सदस्यस, न्यायिक कर्मी और याचिकाकर्ता भी मौजूद थे।
Saturday, 24 August 2013
मिडिएशन की जागरूकता पर शिविर आयोजित
मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण समिती के सौजन्य से शनिवार को मध्यस्थता (मिडिएशन) पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला ने की। इस मौके पर संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि मिडिएशन के तहत अदालतों में मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके तहत अदालतों से समझौते की संभावना वाले मामलों को मिडिएशन सेंटर में भेजा जाता है जहां पर प्रशिक्षित मिडिएटरों के माध्यम से मामलों को निस्तारित करने की कोशीश की जाती है। उन्होने कहा कि मिडिएशन के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए जिला के अन्य उपमंडलों में भी इस तरह के शिविर आयोजित किये जाएंगे। शिविर में जानकारी देते हुए प्रशिक्षित मिडिएटर दुनी चंद शर्मा ने याचिकाकर्ताओं को मिडिएशन के बारे में बताते हुए कहा कि इस तकनीक से दोनों पक्षों के माध्यम से उनकी शर्तों पर समझौता किया जाता है जिससे विवाद हमेशा-2 के लिए खत्म किया जा सके। मिडिएटर अमर चंद वर्मा ने कहा कि दोनों पक्षों के सहमती के आधार पर होने वाले समझौते से मामला हमेशा-2 के लिए समाप्त हो जाता है। इसके अलावा दोनों पक्षों को मिडिएशन के लिए कोई राशि भी खर्च नहीं करनी पडती हैं। वहीं पर अदालतों की लंबी प्रक्रिया के दौरान समय, ऊर्जा और पैसों की हानी से बचा जा सकता है। मिडिएटर समीर कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में 90 फीसदी मामले इन दिनों मिडिएशन या एडीआर (अल्टरनेटिव डिस्पयुट रिडरैसल) के माध्यम से सुलझाए जा रहे हैं। हाल ही में प्रदेश भर के न्यायलयों में भी मिडिएशन की तकनीक का प्रयोग शुरू किया गया है। जिनके अच्छे परिणाम आने शुरू हो गये हैं। मिडिएटर ललित कपूर ने कहा कि मिडिएशन से कई मामलों का निस्तारण एक साथ ही हो जाता है। मामलों का निस्तारण दोनों पक्षों से सहमती से होने के कारण दोनों पक्षों को विवाद में जीत का अहसास होता है। प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज ने मिडिएशन की तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करके इसे लोकप्रिय बनाने की जरूरत पर बल दिया। शिविर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (एक) पदम सिंह ठाकुर, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) पी पी रांटा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर चार गीतिका कपिला, जिला एवं सत्र न्यायलय के प्रशिक्षित मिडिएटर, बार एसोसिएशन के सदस्यस, न्यायिक कर्मी और याचिकाकर्ता भी मौजूद थे।
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