मंडी। सराज क्षेत्र के भाटकीधार स्कूल में विगत 23 नवंबर को नौंवी के छात्र घनु की पीटाई मामले में आरोपी शिक्षक पर गाज गिरना तय है। जिले में जूविनाइल जस्टिस एक्ट 2000 के तहत शिक्षक द्वारा छात्र के उत्पीडऩ करने के अपनी तरह के पहले मामले में देर से ही सही परंतु प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लिया है। सामाजिक कार्यकर्ता लवण ठाकुर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए डीसी मंडी ने एसडीएम गोहर को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एसडीएम ने मामले की जांच शुरु करते हुए मामले के शिकायतकर्ता लवण ठाकुर, घनु के परिजनों और आरोपी शिक्षक को गोहर बुलाया है। घनु की पीटाई में आरोपी हेडमास्टर रामस्वरू प वीरवार को एसडीएम कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस पर एसडीएम ने 3 जनवरी को पेश होने के सममन जारी कर दिए हैं, हालांकि घनु के पिता मंगलु राम एसडीएम कोर्ट में हाजिर हुए।
गौरतलब है कि 23 नवंबर को भाटकीधार हाई स्कूल में हेडमास्टर की पीटाई के बाद घनु को करीब दो सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। मंडी और सुंदरनगर के अस्पतालों में धक्के खाने के बाद उसे आईजीएमसी अस्पताल शिमला रैफर किया गया। वहां डाक्टरों ने घनु को डेढ़ से दो माह तक आराम करने को कहा है।
हाईस्कूल में हुए इस प्रकरण में छात्र की पीटाई के आरोपी शिक्षक पर पुलिस पहले ही केस दर्ज कर चुकी है। पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ गोहर थाना में आईपीसी की धारा 323,342,352 और जूविनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 23 के तहत केस दर्ज कर चुकी है।
सामाजिक कार्यकर्ता लवण ठाकुर ने बताया कि स्कूल में हुए इस प्रकरण पर सामाजिक संगठनों और मीडिया की सक्रियता के चलते ही शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज हो सका है। आरोपी शिक्षक ने तो छात्र के पिता पर मामले को रफा दफा करने का दवाब बनाते हुए एक लाख रूपया देने की कोशिश भी की। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान के भीतर शिक्षक का ऐसा कृत्य छात्रों के दिमाग पर गहरा असर डाल सकता है इसलिए ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
लवण ठाकुर ने कहा कि इस घटना ने बच्चे को झकझोर कर रख दिया है। उसकी पढ़ाई बाधित हो गई है और वह स्कूल नहीं जा पा रहा है। घनु को हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा। सरकार को शिक्षण संस्थान के भीतर हुई इस घटना के लिए घनु को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरटीआई ब्यूरो मंडी घनु को उचित मुआवजा दिलाने के लिए काम करेगा।
सीपीआई के संतराम ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में इस तरह की घटना होना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि आरोपी शिक्षक को फौरन बर्खास्त कर देना चाहिए था जब छात्र ने पीटाई की बात स्वीकारी है तो ऐसे में शिक्षक को अब तक विभाग द्वारा हटा दिया जाना चाहिए था।
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