मंडी। नशीले पदार्थों की तस्करी करने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को तीन साल के कठोर कारावास और 25 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी के जुर्माना राशि समय पर अदा न करने की सूरत में उसे 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आर के शर्मा ने न्यायलय ने जिला हमीरपूर के जंदल (हिमर) गांव निवासी राकेश राणा पुत्र दीना नाथ के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 21 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 13 फरवरी 2008 को सदर पुलिस का दल थाना प्रभारी राजेश कुमार की अगुवाई में पुल घराट के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान सुंदरनगर की ओर से एक मोटर साईकिल आयी। मोटर साईकिल पर सवार लोगों ने पुलिस को देखकर पीछे की ओर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपियों को काबू करके मोटर साईकिल पर पीछे बैठे आरोपी राकेश राणा के बैग की तलाशी ली। तलाशी में बैग से प्रोमोन सपास के 800, पैटमोल सपास के 400 कैप्सयुल और 15 ग्राम स्मैक बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक वाई एस नेगी ने 8 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवाए गए। अदालत ने अपने फैसले में आरोपी राकेश राणा पर अभियोग साबित होने पर उसे दोषी करार दिया। जबकि मोटरसाईकिल चला रहे दूसरे आरोपी के खिलाफ प्र्यापत साक्ष्य न होने के कारण उसे बरी कर दिया गया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अपराध के समाज पर पडने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले को मौत और तबाही के सौदागर कहा जा सकता है। नशीले पदार्थ न केवल व्यक्ति की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि समाज के लिए भी नुकसानदेह हैं। ऐसे में अदालत ने आरोपी से बरामद नशीले पदार्थों की मात्रा को देखते हुए उक्त सजा का फैसला सुनाया।
No comments:
Post a Comment