Monday 16 September 2013

कमरूनाग ट्रैकिंग रूट को पर्यटन मानचित्र पर लाया जाए


मंडी। जिला की कमरूनाग झील के अपार नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने से पर्यटक सुविधाओं के अभाव में अभी भी वंचित है। कमरूनाग घाटी के अपार सौंदर्य को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए सरकार को कार्य करना चाहिए। हाल ही में मंडी से मनीष देव मोहन, कमल सैणी, रंगारंग सिंह, विनोद भावुक और समीर कश्यप ने रोहांडा से होते हुए कमरूनाग झील की ट्रेकिंग करने के बाद लौटने पर उन्होने अपने संस्मरण में बताया कि कमरूनाग झील की खूबसूरती न केवल प्रदेश व देश भर के पर्यटकों और ट्रैकरों को आकर्षित करती है। बल्कि इस स्थल का एक धार्मिक और पुरातन महत्व भी है। समुद्रतल से 3334 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कमरूनाग झील तक पहुंचने के लिए अभी तक सडक मार्ग की सुविधा नहीं है ऐसे में यहां तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी पडती है। कमरूनाग झील तक पहुंचने के लिए रोहांडा, धन्यारा गलू, चौकी-पंडार, जंजैहली, चैलचौक बाया सरोआ, शिकारी और जाछ से रास्ते हैं। अपने संस्मरणों में उन्होने बताया कि यात्रा शुरू होने वाले स्थानों पर लोगों के ठहरने की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। जिससे लोगों को परेशानी न उठानी पडे। इस ट्रैक के रास्ते को चिन्हित करके ठीक किया जाना चाहिए। हालांकि कमरूनाग मंदिर कमेटी की ओर से मंदिर की सीमा के भीतर के रास्तों को पक्का किया गया है लेकिन बाकि का करीब 9 किलोमीटर रास्ता अभी भी पुराने समय से चला आ रहा है और काफी खराब हालत में है। सरकार को इस ट्रैक रूट को ठीक करना चाहिए और रास्ते में पानी की सुविधा और विश्राम के लिए उचित स्थल बना कर इनका रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए। ट्रैकिंग के दौरान रई, तोष, बान और देवदार के सघन जंगल हैं। लेकिन नये जंगल विकसित नहीं किये जा रहे हैं। वहीं पर इन जंगलों में अनेकों जडी-बूटियां मौजूद हैं जिनकी शिनाखत नहीं होने के कारण इनके अनेकों फायदे से वंचित हैं। इन जडी-बूटियों की शोध की जानी चाहिए। मंदिर कमेटी के इंदर सिंह और राकेश कुमार ने बताया कि महाभारत की कथा में बर्बरीक ही कमरूनाग हैं। जिन्हे स्थानीय लोग बडा देयो भी कहते हैं। महाभारत के अनुसार बर्बरीक भीम के पोते और घटोत्कच और मौरया के बेटे थे। देव कमरूनाग का मंदिर राजस्थान के सीकर जिला में खाटु श्यामजी के नाम प्रसिध है। राजस्थान से भी भारी संख्या में लोग बडा देयो कमरूनाग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। बडा देयो कमरूनाग को मंडी जनपद में बारिश का देवता भी कहते हैं। मंदिर में जून माह में सरानौहली मेले में हजारों श्रधालु यहां पहुंच कर बडा देयो का आर्शीवाद लेते हैं। हालांकि मंदिर कमेटी की ओर से यहां पर सराय की व्यवस्था है लेकिन प्रशासन को भी इस स्थल के महत्व को देखते हुए यहां पर पहुंचने वाले लोगों के लिए रहने और भंडारे की उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
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