Thursday 19 September 2013

बैंड न बजाना बैंड मास्टर को महंगा पडा


मंडी। शादी में बैंड न बजाना बैंडमास्टर को उस समय महंगा पड गया जब उन्हे जिला उपभोक्ता फोरम ने उन्हे उपभोक्ता के पक्ष में अग्रिम राशि 4100 रूपये ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। बैंड मास्टर की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 6000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने जोगिन्द्रनगर तहसील के बनौण (बल्ह जौली) निवासी खेम सिंह पुत्र नूपा राम की शिकायत को उचित मानते हुए बैंड मास्टर ननोह (बस्सी) गांव निवासी सुभाष चंद पुत्र मकोडु राम को 4000 रूपये अग्रिम राशि और 100 रूपये साई 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता रंजीत सिंह कौंडल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के बेटे की शादी जोगिन्द्रनगर में होनी थी। जिसके लिए उन्होने बैंड मास्टर से संपर्क करके 28 और 29 अप्रैल 2013 को शादी में बैंड बजाने के लिए अनुबंध किया। जिसके लिए उपभोक्ता ने उन्हे 4000 रूपये बतौर अग्रिम राशि अदा किये जबकि 100 रूपये बतौर साई बैंड मास्टर को दिये गए। इस बारे में एक लिखित दस्तावेज भी तैयार किया गया था। लेकिन बैंड मास्टर की पार्टी शादी के दिन बैंड बजाने नहीं आई ऐसे में उपभोक्ता को करसोग से बैंड पार्टी लानी पडी। उक्त बैंड मास्टर की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम की कार्यवाही में भाग न लेने के कारण एकतरफा कार्यवाही करते हुए फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता की ओर से पेश किये गए साक्ष्यों से यह साबित हुआ है कि बैंड मास्टर ने अग्रिम राशि लेकर बैंड पार्टी लाने की बात स्वीकार की है। जिसके चलते फोरम ने बैंड मास्टर के बैंड न बजाने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त राशि ब्याज सहित लौटाने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

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