Friday 20 September 2013

मानहानी साबित न होने पर आरोपी बरी


मंडी। समाचार प्रकाशित करके मानहानी करने का आरोप साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने के आदेश दिये हैं। आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण अदालत ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक रमणीक शर्मा के न्यायलय ने बालक रूपी मुहल्ला निवासी संजीव कुमार के खिलाफ भादंस की धारा 500 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का आदेश दिया। सदर उपमंडल के धडवाहन (पैडी) निवासी मोहन सिंह ने अदालत में शिकायत दायर करते हुए आरोप लगाए थे कि उक्त आरोपी ने एक दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता की हैसियत से उनके खिलाफ 7 अक्तुबर 2005 को शहरी पुलिस चौकी के सामने एक दुकान पर अश्लील कृत्य करने के बारे में समाचार प्रकाशित किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार वह उस दिन मंडी में मौजूद ही नहीं थे और यह समाचार निराधार था और इससे समाज में उनकी इज्जत कम हुई। शिकायतकर्ता की ओर से इस मामले में दो गवाहों के ब्यान दर्ज करवाए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सतीश कौशल का कहना था कि जब यह समाचार प्रकाशित हुआ था उस समय संजीव शर्मा समाचार पत्र में बतौर संवाददाता कार्य नहीं कर रहा था। शिकायतकर्ता इस संबंध में कोई साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत नहीं कर सका। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता आरोपी के खिलाफ मानहानी करने का आरोप संदेह की छाया से दूर साबित नहीं कर सका। ऐसे में अदालत ने आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया।

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