मंडी। सीनियर सेकेंडरी स्कूल थुनाग से लापता छात्र मनाली में मिल गए हैं। सराज क्षेत्र के थुनाग स्थित वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के नवीं कक्षा के दो छात्र विगत 20 सितंबर से लापता थे। मंगलवार देर रात तोजेन्द्र कुमार उर्फ बॉबी ने अपनी मां को फोन किया कि वह मनाली में है और एक ढ़ावे में काम कर रहा है। सूचना मिलते ही बॉबी के परिजन पुलिस को लेकर मनाली पहुंचे। बॉबी ने बताया कि अपने स्कूल बैग उन्होंने रास्ते में ही कहीं छिपा दिए वह और उसका साथी लक्ष्य शुक्रवार 20 सितंबर को स्कूल जाने की बजाए सीधे गोहर की ओर पैदल निकले। शुक्रवार को गोहर स्थित खयोड़ मेले में घूमते रहे। शनिवार सुबह उन्हें खयोड़ से मनाली जा रही एक जीप मिली। दोनों ने जीप चालक को बताया कि वह दोनों मनाली के रहने वाले हैं और यहां अपनी रिश्तेदारी में आए हुए थे। जीप चालक ने उन्हें मनाली छोड़ आया। मनाली में तीन दिन तक बिना खाने के रहने के बाद चौथे दिन उन्होंने पेट भरने के लिए कुछ काम धंधा ढूंढने का निर्णय किया। बॉबी ने एक ढ़ाबे में काम मांगा तो लक्ष्य एक रेहड़ी वाले के यहां काम पर जुट गया। काम करने के बाद दोनों ने तीन दिन बाद भरपेट भोजन किया। इस बीच बॉबी ने अपनी मां को कॉल कर बताया कि वह मनाली में है और घर आना चाहता है। बच्चों के मिलने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है।
Wednesday, 25 September 2013
थुनाग से लापता छात्र मनाली में मिले
मंडी। सीनियर सेकेंडरी स्कूल थुनाग से लापता छात्र मनाली में मिल गए हैं। सराज क्षेत्र के थुनाग स्थित वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के नवीं कक्षा के दो छात्र विगत 20 सितंबर से लापता थे। मंगलवार देर रात तोजेन्द्र कुमार उर्फ बॉबी ने अपनी मां को फोन किया कि वह मनाली में है और एक ढ़ावे में काम कर रहा है। सूचना मिलते ही बॉबी के परिजन पुलिस को लेकर मनाली पहुंचे। बॉबी ने बताया कि अपने स्कूल बैग उन्होंने रास्ते में ही कहीं छिपा दिए वह और उसका साथी लक्ष्य शुक्रवार 20 सितंबर को स्कूल जाने की बजाए सीधे गोहर की ओर पैदल निकले। शुक्रवार को गोहर स्थित खयोड़ मेले में घूमते रहे। शनिवार सुबह उन्हें खयोड़ से मनाली जा रही एक जीप मिली। दोनों ने जीप चालक को बताया कि वह दोनों मनाली के रहने वाले हैं और यहां अपनी रिश्तेदारी में आए हुए थे। जीप चालक ने उन्हें मनाली छोड़ आया। मनाली में तीन दिन तक बिना खाने के रहने के बाद चौथे दिन उन्होंने पेट भरने के लिए कुछ काम धंधा ढूंढने का निर्णय किया। बॉबी ने एक ढ़ाबे में काम मांगा तो लक्ष्य एक रेहड़ी वाले के यहां काम पर जुट गया। काम करने के बाद दोनों ने तीन दिन बाद भरपेट भोजन किया। इस बीच बॉबी ने अपनी मां को कॉल कर बताया कि वह मनाली में है और घर आना चाहता है। बच्चों के मिलने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है।
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