मंडी। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करना रियुर पंचायत की महिला प्रधान को उस समय भारी पडा जब उपायुक्त मंडी के न्यायलय ने उनका चुनाव निरस्त करने की अपील को स्वीकार करने का फैसला सुनाया। फैसले में उपमंडलाधिकारी सदर और जिला पंचायत अधिकारी को इस बारे में आवश्यक कार्यवाही करने के आदेश जारी किए हैं। उपायुक्त मंडी देवेश कुमार के न्यायलय ने सदर तहसील के रियुर गांव निवासी उर्मिला देवी पत्नी गगन प्रदीप की ओर से रियुर पंचायत की प्रधान गीता देवी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका की अपील को स्वीकारते हुए इस बारे में आवश्यक कार्यवाही करने के आदेश दिये हैं। अधिवक्ता आर के वर्मा के माध्यम से दायर की गई अपील में उपमंडलाधिकारी सदर के न्यायलय द्वारा एक सितंबर 2012 को चुनाव याचिका खारिज करने के आदेशों को चुनौती दी गई थी। अपीलकर्ता उर्मिला देवी ने उपमंडलाधिकारी के न्यायलय में याचिका दायर की थी कि गीता देवी ने रियुर मुहाल में 0-2-9 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है। जबकि सहायक चुनाव अधिकारी ने हि.प्र. पंचायती राज अधिनियम की धारा 122 के प्रावधानों का उल्लंघन करके उनका गल्त तरीके से नामांकन पत्र स्वीकार किया है। अपीलकर्ता का कहना था कि इस अतिक्रमण के बारे में तहसीलदार सदर ने धारा 163 के तहत कार्यवाही करते हुए 16 नवंबर 2009 को बेदखली के आदेश भी दिये थे। जिसकी अपील गीता देवी ने उपमंडलाधिकारी सदर के पास की थी जो 13 दिसंबर 2010 को खारिज हो गई थी। उपायुक्त देवेश कुमार के न्यायलय ने अपने फैसले में कहा कि गीता देवी के खिलाफ निचली अदालत में अतिक्रमण करने संबंधी तथ्य साबित हो चुका है। जिसके चलते सहायक चुनाव अधिकारी ने गल्त तरीके से रियुर पंचायत के प्रधान पद पर गीता देवी के नामांकन को स्वीकार किया है। अदालत ने निचली अदालत के याचिका खारिज करने के फैसले को निरस्त करते हुए चुनाव खारिज करने संबंधी अपील को स्वीकार करने के फैसला सुनाया। उपायुक्त ने अपने फैसले के अमल के लिए उपमंडलाधिकारी सदर और जिला पंचायत अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।
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