मंडी। उच्च न्यायलय के मुखय न्यायधीश द्वारा संयुक्त संघर्ष समिति को वार्ता के लिए आमंत्रित करने के बाद जिला बार एसोसिएशन ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। मुखय न्यायधीश से संयुक्त संघर्ष समिति के 5 नवंबर को होने वाली वार्ता के परिणामों के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। प्रदेश भर की सात जिला बार एसोसिएशनों की संयुक्त संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने आम सभा में इस आशय की जानकारी दी। आम सभा में वार्ता के मसौदे को लेकर अधिवक्ताओं ने विस्तार से अपना-2 दृष्टिकोण रख कर चर्चा की। प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज शर्मा का कहना था कि विकेन्द्रीकरण का अधिवक्ता सैधांतिक रूप से स्वागत करते हैं। लेकिन यह उच्च स्तर से निमन स्तर तक होना चाहिए। जिसके लिए उच्च न्यायलय की खंडपीठें भी मंडी और धर्मशाला में स्थापित की जानी चाहिए। एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया का कहना था कि सर्किट कोर्ट लगाए जाने से पहले उपमंडलों में मूलभूत सुविधाएं जुटाई जानी जरूरी है। आम सभा में चर्चा के दौरान अधिवक्ताओं का कहना था कि बिना प्रयोगशाला और उपकरणों के शल्य चिकित्सक भी अपना कार्य निष्पादित नहीं कर सकता। ऐसे में पहले उपमंडलों में मूलभूत सुविधाएं जुटाना न्याय प्रदान करने के लिए निहायत जरूरी है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में न्याय प्रदान करनी वाली व्यवस्था के निहित स्वार्थों के हाथों प्रभावित होने का अंदेशा बना रहेगा। जिससे न्यायलयों की स्वतंत्रता बाधित होगी। सर्किट कोर्ट की अस्थाई व्यवस्था से न्यायधीशों की एकाग्रता और स्थायित्व संकट में पड जाएगा। जिससे गुणात्मक न्याय नहीं हो सकेगा। अधिवक्ताओं का कहना था कि जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं की राय जाने बगैर उनके करीब 2000 मामले उपमंडलों को भेज कर उनके ब्रीफलेस होने का खतरा हो गया है। इसके लिए अदालत को याचिककर्ताओं का पक्ष जान कर मामलों की सुनवाई का स्थान निर्धारित करना चाहिए था। विधिक समुदाय के अस्तित्व को बचाना भी उच्च न्यायलय का दायित्व है। बार एसोसिएशन की आम सभा में अधिवक्ता विश्वनाथ शर्मा, शांती लाल वैद्या, दुनी चंद शर्मा, जानकी दास डोगरा, ललित कपूर, हुक्म चंद शर्मा, लोकेश कपूर, दिगविजय सिंह कटोच, दिनेश कुमार शर्मा, संत राम बधन और समीर कश्यप ने चर्चा में भाग लिया। आम सभा में जिला बार एसोसिएशन के उप प्रधान दिनेश सकलानी, सह-सचिव विक्रांत शर्मा, पदाधिकारी हेम सिंह ठाकुर, राजकुमार, विजय भंडारी सहित एसोसिएशन के अन्य सदस्य मौजूद थे।
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