मंडी। उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश न्यायमुर्ति अजय माणिकराव खानविलकर ने अधिवक्ताओं की संयुक्त संघर्ष समिति से वार्ता के बाद उनके सुझाव आमंत्रित किये हैं। मुखय न्यायधीश ने आगामी 2 दिसंबर को समिति के साथ अगली बैठक सुनिश्चित की है। उच्च न्यायलय की विकेन्द्रीकरण की निति के तहत उपमंडलों में सर्किट कोर्ट लगाने के फैसले के विरोध में गठित मंडलीय जिला बार एसोसिएशनों की संयुक्त संघर्ष समिती ने अध्यक्ष पी सी राणा की अध्यक्षता में प्रदेश उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश न्यायमुर्ति अजय माणिकराव खानविलकर के साथ मंगलवार को वार्ता में भाग लिया। समिति के उपाध्यक्ष और जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने बताया कि यह वार्ता सौहार्दपूर्ण ढंग से हुई। बैठक में लोगों तक न्याय पहुंचाने की प्रक्रिया में आने वाली तकनीकी और व्यवहारिक कठिनाइयों के बारे में चर्चा की गई। उन्होने बताया कि मुखय न्यायधीश ने इन कठिनाइयों के निवारण के लिए संबंधित मंडलों से इन पहलुओं पर निदान के लिए सुझाव आमंत्रित किये हैं। जिससे विकेन्द्रीकरण की प्रतिपादित निति से आम जनमानस को लाभ मिल सके। उन्होने बताया कि मुखय न्यायधीश ने सभी मानकों को मदेनजर रखते हुए मध्यमार्ग अपना कर सभी के लिए रूचिकर फैसले को अमलीजामा पहनाने की बचनबधता प्रकट की है। जिला बार एसोसिएश के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि विभिन्न मंडलों की जिला बार एसोसिएशन से सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों के आधार पर ही विकेन्द्रीकरण की निति को अमल में लाया जाएगा। उन्होने बताया कि मुखय न्यायधीश से संयुक्त संघर्ष समिति की अगली बैठक 2 दिसंबर को सुनिश्चित की गई है। मुखय न्यायधीश की ओर से आंदोलन कर रही जिला बार एसोसिएशनों की मांगों पर सकारात्मक रूख अपनाने पर समिति ने उनका धन्यावाद किया है। उन्होने बताया कि मुखय न्यायधीश से वार्ता के लिए संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल में धर्मशाला, मंडी, शिमला, सोलन, चंबा, हमीरपूर, ऊना और नाहन की मंडलीय जिला बार एसोसिएशनों ने भाग लिया। इधर, जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दिनेश सकलानी समेत अन्य पदाधिकारियों और सदस्यों ने मुख्य न्यायधीश के उनकी मांगों के निराकरण के लिए सुझाव आमंत्रित करने पर उनका आभार व्यक्त किया है।
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