मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने एक पाठशाला को उपभोक्ता के पक्ष में 1,00,000 रूपये हर्जाना 30 दिनों में अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा पाठशाला को उपभोक्ता के पक्ष में 4000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने रामनगर निवासी मास्टर जसबीर सिंह के पिता दिलदार सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए पडडल स्थित गुरू गोविंद सिंह पब्लिक हाई स्कूल के प्रधानाचार्य को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त हर्जाना राशि 30 दिनों के भीतर अदा करने के आदेश दिये। ऐसा न करने पर यह राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करनी होगी। अधिवक्ता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने बेटे को उक्त पाठशाला में 2 जून 2010 को नवीं कक्षा में दाखिला करवाया था। दाखिले के समय पाठशाला की ओर से उनके बेटे के सारे दस्तावेजों का निरिक्षण करके उसे प्रवेश दिया गया था। नवीं कक्षा पास करने के बाद उनके बेटे को वर्ष 2011-12 में दसवीं कक्षा में प्रवेश दिया गया था। उपभोक्ता ने प्रवेश फीस अदा की थी लेकिन बाद में पाठशाला की ओर से और अधिक राशि की मांग की जाने लगी और राशि अदा न करने पर उनके बेटे का परीक्षा फार्म न भरने देने की बात कही गई। इसके बाद पाठशाला ने 11 अप्रैल 2012 को बिना कोई कारण बताए उनके बेटे का स्कूल लिविंग प्रमाण पत्र उन्हे जारी कर दिया। जिसमें उनके बेटे को वर्ष 2010 में प्रवेश के समय आठवीं कक्षा का छात्र दर्शाया गया था। ऐसे में उपभोक्ता ने पाठशाला की सेवाओं में कमी के चलते फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि पाठशाला का कहना था कि उनका प्रवेश से संबंधित रिकार्ड आग में जल गया था। लेकिन पाठशाला की ओर से यह साबित नहीं किया जा सका कि उपभोक्ता के बेटे का स्कूल लिविंग प्रमाण पत्र किस आधार पर जारी किया गया। पाठशाला की लापरवाह कार्यप्रणाली से उपभोक्ता के बेटे के दो मूल्यवान साल खराब हो गए। ऐसे में फोरम ने पाठशाला की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा और नुकसान के बदले उक्त हर्जाना राशि तीस दिनों में अदा करने और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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