मंडी। गबन करने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी वरिष्ठ सहायक को दो मामलों में तीन-2 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी पर दो अन्य मामलों में अभियोग साबित न होने पर उसे बरी कर दिया गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह की विशेष अदालत ने सदर तहसील के रियुर निवासी बंसी लाल पुत्र परम देव के खिलाफ भादंसं की धारा 409, 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2) के तहत दो मामलों में अभियोग साबित होने पर क्रमश: तीन साल, दो साल और तीन साल की कठोर कारावास, दो-दो साल के साधारण कारावास और तीस-तीस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना राशि अदा न करने पर उसे 6 माह, 4 माह और तीन-2 माह के साधारण कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। आरोपी के खिलाफ चल रहे दो अन्य मामलों में अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने के आदेश दिये गए। अभियोजन पक्ष के अनुसार विशेष सचिव और निदेशक (सतर्कता) विभाग की ओर से पत्र मिलने पर मंडी के राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार विरोधी ब्युरो के थाने में आरोपी के खिलाफ इन मामलों की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस की तहकीकात में यह सामने आया था कि आरोपी ने खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्य करते हुए कर्मियों के भतों को जारी करते समय राशि का गबन करके इसका दुरूपयोग किया था। जिसके चलते पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए लोक अभियोजक एच एस धीमान ने इन मामलों में 42 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक का कहना था कि भ्रष्टाचार समाज के अंगों को खा रहा है जिससे लोगों का व्यवस्था से विश्वास उठने लगा है। अदालत ने आरोपी के खिलाफ प्र्यापत साक्ष्य होने के कारण उक्त सजा का फैसला सुनाया।
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