Wednesday, 23 January 2013

पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत को मिली अदालत से राहत


मंडी। पूर्व परिवहन मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर को पुलिस अधिकारी की वर्दी पर हाथ डालने के मामले में अदालत से उस समय राहत मिली जब अदालत ने उन्हे अंतरिम जमानत दे दी। अदालत ने अब इस मामले के आरोपी याचिकाकर्ता को सत्र न्यायलय के समक्ष 30 जनवरी को उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा बलदेव सिंह के न्यायलय ने सरकाघाट तहसील के छंजयार (ध्वाली) निवासी रजत ठाकुर पुत्र महेन्द्र सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हे अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया है। अदालत ने उन्हे पुलिस की तहकीकात में शामिल होने के निर्देश देते हुए उनकी गिरफतारी पर उन्हे 20,000 रूपये की जमानती राशि पर रिहा करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने सरकाघाट थाना में दर्ज प्राथमिकी के तहत अपनी संभावित गिरफतारी के चलते अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। याचिका के जवाब में पुलिस की ओर से अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक आर एस जमवाल ने अपनी रिर्पोट पेश की। जिसमें पुलिस का कहना है कि 4 नवंबर 2012 को एएसआई सुशील कुमार ने धर्मपुर चौकी में रपट दर्ज करवाई थी। जिसके अनुसार एएसआई सुशील कुमार 3 नवंबर की रात को तनेहड गांव में मौजूद था। इसी दौरान परिवहन मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर और उसके लडके रजत ठाकुर सहित करीब 100-150 लोगों ने उन्हे घेर लिया और गाली गलौच शुरू कर दी। उन्होने एएसआई को वर्दी से पकड लिया और धक्का मुक्की तथा हाथापाई करने लगे। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने वर्दीधारी एएसआई की बेईज्जती की और उनके कार्य में बाधा डाली। जिसके कारण आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इधर, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायलय के पास 30 जनवरी को सुनिश्चत करके याचिकाकर्ता को अदालत के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं।

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