Wednesday, 2 January 2013

चरस तस्करी का आरोपी अभियोग साबित न होने पर बरी


मंडी। चरस तस्करी का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर उक्त आदेश दिये। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आर के शर्मा के न्यायलय ने जिला कुल्लू की बंजार तहसील के बरनाली गांव निवासी गंगा राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 17 जनवरी 2009 को औट थाना पुलिस का दल लारजी डैम के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान पैदल आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देख कर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने आरोपी को काबू करके शक के आधार पर उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें से अढाई किलो चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 11 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवाए गए। बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नीरज कपूर का इस मामले में कहना था कि अभियोजन पक्ष के गवाहों ने विरोधाभासी ब्यान दिये हैं जिससे आरोपी पर अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किये गए साक्ष्यों से संदेश की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

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