मंडी। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आर के शर्मा के धर्मशाला में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश के पद पर पदोन्नति पर जिला बार एसोसिएशन ने उनके सम्मान में एक बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने की। उन्होने आर के शर्मा की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए उन्हे काबिल न्यायिक अधिकारी बताया। आर के शर्मा ने इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन को प्रदेश की श्रेष्ठतम बार एसोसिएशनों में से एक बताया। उन्होने कहा कि बार के पूर्ण सहयोग के कारण उन्हे अपने दायित्व निभाने में योगदान मिला। न्यायधीश आर के शर्मा का जन्म 24 जुलाई 1956 को पंजाब की रोपड तहसील के भलियाण गांव में हुआ था। उन्होने शिमला से अपनी प्रारंभिक और स्नातक की शिक्षा हासिल करने के बाद प्रदेश विश्वविद्यालय से साल 1979 में विधि स्नातक की डिग्री हासिल की थी। न्यायधीश शर्मा ने साल 1988 में बतौर न्यायिक अधिकारी रोहडु में नियुक्ती पाई थी। इसके बाद उन्होने पांवटा साहिब, अर्की, नालागढ, सरकाघाट, मंडी, नूरपूर, शिमला और अंब में न्यायिक दंंडाधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी। वह मंडी में बतौर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के रूप में आए और ऊना व किन्नौर में इस पद पर तैनात रहे। पदोन्नति के बाद वह फास्ट ट्रैक कोर्ट बिलासपूर में कार्य करने के बाद 9 दिसंबर 2011 में मंडी में तैनात हुए थे। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान एस पी परमार ने एडीजे धर्मशाला के पद पर पदोन्नति पर आर के शर्मा को बार की ओर से बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। एसोसिएशन के सह सचिव प्रशांत शर्मा ने बताया कि बैठक में जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा. बलदेव सिंह, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी मदन कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान, प्रदेश बार कौंसिल के उपाध्यक्ष नरेन्द्र गुलेरिया, बार कौंसिल के सदस्य देशराज शर्मा, बार एसोसिएशन के पदाधिकारी अनुपम भंडारी, डीकन राणा और एसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे।
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