Sunday, 20 October 2013

साक्ष्यों के अभाव में चरस रखने का आरोपी बरी


मंडी। साक्ष्यों के अभाव में चरस रखने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने आरोपी महिला को बरी करने का फैसला सुनाया। आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उसे बरी कर दिया। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला के न्यायलय ने नेपाल के भूरती बांग अंचल के छमी दीवार (अधिकारी छोर) गांव निवासी डोलमा देवी पत्नी राम बहादुर के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 जून 2009 को सदर थाना पुलिस का दल बस स्टैंड से भयुली पुल की ओर गश्त पर तैनात था। जैसे ही पुलिस दल सब्जी मंडी के पास पहुंचा इसी दौरान बस स्टैंड के इन गेट से एक महिला आती हुई दिखाई दी। महिला पुलिस दल को देख कर घबरा गई। ऐसे में पुलिस ने संदेह के आधार पर महिला की तलाशी ली तो उसके उठाए गए बैग में से 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी महिला को हिरासत में ले कर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन की ओर से इस मामले में 11 गवाहों के ब्यान दर्ज किये गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमर सिंह ठाकुर का कहना था कि अभियोजन पक्ष के गवाहों ने विरोधाभासी ब्यान दिये हैं। जिससे आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी महिला को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

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