Wednesday 23 October 2013

जिला बार एसोसिएशन ने सर्किट कोर्ट के विरोध में हडताल की


मंडी। जिला बार एसोसिएशन ने सर्किट कोर्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को पुर्ण रूप से हडताल की। अधिवक्ताओं ने मंडी शहर में एक रैली करके अपना विरोध प्रदर्शन किया। वहीं पर अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाज का भी पुर्ण रूप से बाहिष्कार किया। जिला बार एसोसिएशन के आहवान पर जिला एवं सत्र न्यायलय के अधिवक्ताओं ने दो दिवसीय हडताल के तहत अपनी विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। उच्च न्यायलय के निर्देशों के तहत बुनियादी ढांचा विकसित किये बगैर उपमंडल स्तर पर सर्किट कोर्ट लगाने के फैसले से आहत अधिवक्ता इस फैसले को वापिस लेने की मांग को लेकर इन दिनों आंदोलन कर रहे हैं। जिला बार एसोसिएशन का मानना है कि उपमंडल स्तर पर न्यायलय भवन, पुस्तकालय, बार रूम व कार्यालय की जरूरतों का बुनियादी ढांचा तैयार किये बगैर सर्किट कोर्ट लगाने का फैसला अव्यवहारिक और जन विरोधी है। प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज शर्मा ने कहा कि अधिवक्ता न्याय व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण के सिद्धान्तत: पक्ष में हैं। उन्होने कहा कि वास्तव में जनता के घर द्वार तक न्याय पहुंचाने की शुरूआत सर्वोच्च न्यायलय और उच्च न्यायलयों से होनी चाहिए। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने कहा कि मंडी और धर्मशाला में प्रदेश उच्च न्यायलय की खंडपीठ खोलने को लेकर अधिवक्ता समुदाय, स्वयंसेवी संस्थाओं और याचिकाकर्ताओं की पुराने समय से मांग रही है। जिला बार एसोसिएशन मांग करती है कि विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया के तहत यह खंडपीठें जल्द से जल्द शुरू की जाए। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दिनेश सकलानी ने कहा कि सर्किट कोर्ट का फैसला पीठासीन अधिकारियों के लिए भी बिल्कुल व्यवहारिक नहीं है। लगातार सर्किट कोर्ट से उनकी एकाग्रता और काम करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। जिला बार एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि अधिवक्ता इस फैसले के विरोध में वीरवार को भी अदालत में पूर्ण रूप से हडताल रखेंगे। बुधवार सुबह अधिवक्ताओं ने न्यायलय परिसर से रैली निकाल कर शहर के विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए सर्किट कोर्ट के विरोध में जमकर नारेबाजी की। वहीं पर अदालतों के कामकाज में भाग न ले कर कार्यवाहियों का पूरी तरह से बाहिष्कार किया गया।

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