Sunday, 6 October 2013

धारा के विपरीत बहने के राज उसी ने सिखाए हैं




दूर रहने को कहते थे जिनसे वो ही काम आए हैं

भंवर में पडी कश्ती अपनी वो ही किनारे लाए हैं

तुम कहते थे कि खुदगर्ज और मतलबपरस्त हैं वो

यही सबक तो जिंदगी में हमने तुमसे भी पाए हैं।

ख्याल तुम्हारा गल्त था निकला अपना हमराह वो

जख्म दिये थे जो तुमने उसी ने तो सहलाए हैं।

पुल जो तोड दिया था तुमने अब बना रहा है वो

धारा के विपरीत बहने के राज उसी ने सिखाए हैं।

समीर कश्यप

6-10-2013

sameermandi@gmail.com

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