दूर रहने को कहते थे जिनसे वो ही काम आए हैं
भंवर में पडी कश्ती अपनी वो ही किनारे लाए हैं
तुम कहते थे कि खुदगर्ज और मतलबपरस्त हैं वो
यही सबक तो जिंदगी में हमने तुमसे भी पाए हैं।
ख्याल तुम्हारा गल्त था निकला अपना हमराह वो
जख्म दिये थे जो तुमने उसी ने तो सहलाए हैं।
पुल जो तोड दिया था तुमने अब बना रहा है वो
धारा के विपरीत बहने के राज उसी ने सिखाए हैं।
समीर कश्यप
6-10-2013
sameermandi@gmail.com
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