Thursday 24 October 2013

जिला बार एसोसिएशन की हडताल शनिवार तक जारी रहेगी


मंडी। जिला बार एसोसिएशन की दो दिवसीय हडताल के तहत वीरवार को भी अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाज का पूर्ण रूप से बाहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने मंडी शहर में जुलूस निकाल कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। वहीं पर एसोसिएशन ने अब अपनी हडताल को शनिवार तक बढाने का निर्णय लिया है। उच्च न्यायलय के निर्देश के तहत जिला के उपमंडलों में जिला एवं सत्र न्यायलय स्तर के सर्किट कोर्ट लगाने के निर्णय के विरोध में अधिवक्ताओं ने दूसरे दिन भी कामकाज ढप्प रखा। वीरवार सुबह न्यायलय परिसर में एकत्र हुए अधिवक्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद अधिवक्ताओं ने मंडी शहर के चौहट्टा, मोती बाजार, समखेतर और भूतनाथ बाजार में से जुलूस निकाला। दिन भर अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाम का बाहिष्कार किया। जिला बार एसोसिएशन के आहवान पर बार रूम में आंदोलन की रणनिती तय करने के लिए आम सभा का आयोजन किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायलय के फरमान पर लोगों की सुविधा को देखे बगैर सर्किट कोर्ट शुरू करना एक जनविरोधी कदम है। बिना सुविधाएं मुहैया करके जिला एवं सत्र न्यायलय से करीब 1200 विचाराधीन मामलों को उपमंडलों में भेज कर उनकी सुनवाई करने से जहां न्यायधीशों को दौड-भाग से गुजरना पडेगा। उप प्रधान दिनेश सकलानी का कहना था कि सर्किट बेंच का फैसला जहां लोगों के लिए परेशानी भरा हुआ है। वहीं पर न्यायलय भवन, आफिस, लाईब्रेरी और अन्य मूलभूत जरूरतों के बगैर न्यायलय का संचालन दिक्कतों भरा है। आम सभा में चर्चा के दौरान अधिवक्ता सुंदर गोयल का कहना था कि इस निर्णय से भ्रम की स्थिती पैदा हुई है। वहीं पर सर्किट कोर्ट को मामले भेज कर नये सिरे से इन मामलों में अनेकों पार्टियों को नोटिस भेज कर तलब किया जाएगा। जिससे यह मामले शीघ्र निस्तारित होने के बजाय अधिक लंबित होंगे। अधिवक्ता श्याम कुमार शर्मा का कहना था कि इस फैसले से प्रभावित बार एसोसिएशनों के साथ संपर्क करके उन्हे इसे वापिस लेने के लिए लामबंद किया जाना चाहिए। अधिवक्ता ललित कपूर का कहना था कि प्रदेश उच्च न्यायलय के मुखय न्यायधीश को आंदोलनरत अधिवक्ताओं की समस्याओं को सुनने के लिए पहलकदमी करनी चाहिए। उन्होने कहा कि सर्किट कोर्ट से भागम दौड की स्थिती पैदा हो जाएगी। अधिवक्ता जानकी दास डोगरा का कहना था कि सर्किट कोर्ट के फैसले का डटकर विरोध किया जाना चाहिए। इस फैसले से प्रदेश की सबसे पुरानी बार एसोसिएशन प्रभावित हो रही है। अधिवक्ता अमर चंद वर्मा का कहना था कि न्यायिक व्यवस्था के विकेन्द्रीकरण के तहत उच्च न्यायलय की खंडपीठ मंडी और धर्मशाला में जल्द से जल्द खोली जानी चाहिए। अधिवक्ता समीर कश्यप का कहना था कि अधिवक्ता विकेन्द्रीकरण के खिलाफ नहीं हैं पर इसके लिए सर्किट कोर्ट की जगह उपमंडलों में स्थाई न्यायलय स्थापित किये जाने चाहिए। बार एसोसिएसन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि आम सभा में निर्णय लिया गया कि सर्किट कोर्ट को लेकर चल रहा आंदोलन शनिवार तक जारी रहेगा। इस दौरान अदालतों का बाहिष्कार किया जाएगा जबकि मामलों की सुनवाई में प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से होगी।

पिक्चर- प्रशांत शर्मा एडवोकेट

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