मंडी। व्यवसायिक मात्रा की चरस सहित पकडे जाने के एक आरोपी को अदालत ने 14 साल के कठोर कारावास और 1,40,000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। उक्त जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला की विशेष अदालत ने करसोग तहसील के गलाइच गांव निवासी उतम चंद पुत्र धनी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार पुलिस का एक दल एएसआई रामलाल की अगुवाई में करसोग- केलोधार मार्ग पर तैनात था। इसी दौरान केलोधार से करसोग की ओर आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर तेजी से चलना शुरू कर दिया। संदेह होने पर पुलिस ने आरोपी को तलाशी के लिए रोका तो उसके बैग में से 5 किलो चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक वाई पी एस नेगी ने 14 गवाहों के बयान दर्ज करवाकर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है और वह अपने घर का अकेला कमाने वाला है जिसके चलते उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन का कहना था कि आरोपी से बरामदशुदा चरस व्यवसायिक मात्रा में थी। ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नशीले पदार्थों का समाज के बडे हिस्से पर बुरा प्रभाव पडता है। ऐसे में इन अपराधों के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस के व्यवसायिक मात्रा में होने के कारण उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया।
Thursday, 1 December 2011
पांच किलो चरस सहित पकडे आरोपी को 14 साल की कठोर कारावास और 1,40,000 रूपये जुर्माने की सजा
मंडी। व्यवसायिक मात्रा की चरस सहित पकडे जाने के एक आरोपी को अदालत ने 14 साल के कठोर कारावास और 1,40,000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। उक्त जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला की विशेष अदालत ने करसोग तहसील के गलाइच गांव निवासी उतम चंद पुत्र धनी राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार पुलिस का एक दल एएसआई रामलाल की अगुवाई में करसोग- केलोधार मार्ग पर तैनात था। इसी दौरान केलोधार से करसोग की ओर आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर तेजी से चलना शुरू कर दिया। संदेह होने पर पुलिस ने आरोपी को तलाशी के लिए रोका तो उसके बैग में से 5 किलो चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक वाई पी एस नेगी ने 14 गवाहों के बयान दर्ज करवाकर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि यह आरोपी का पहला अपराध है और वह अपने घर का अकेला कमाने वाला है जिसके चलते उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन का कहना था कि आरोपी से बरामदशुदा चरस व्यवसायिक मात्रा में थी। ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नशीले पदार्थों का समाज के बडे हिस्से पर बुरा प्रभाव पडता है। ऐसे में इन अपराधों के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस के व्यवसायिक मात्रा में होने के कारण उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया।
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